भोपाल। भोपाल के बागसेवनिया इलाके में 10वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट नहीं मिलने से आत्महत्या की वजह का खुलासा नहीं हो सका। बुधवार रात 11 बजे छात्रा ने 8 भाई-बहनों और मम्मी-पापा के साथ बैठकर खाना खाया। इसके बाद वह मां से बोली- सोने जा रही हूं। आधे घंटे बाद मां ने देखा तो वह कमरे में फंदे पर लटकी मिली। गंभीर हालत में परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। उपचार के कुछ देर बाद ही उसने दम तोड़ दिया।
अमराई, बागसेवनिया में रहनी वाली मुस्कान भगत (18) इसी साल 10वीं में पास हुई थी। वह 11वीं में दाखिला लेने वाली थी। पिता मनोज भगत विश्वकर्मा मंदिर में पुजारी हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार रात सभी आठों बच्चों ने खाना खाया। इसके बाद मुस्कान समेत सभी बच्चे कमरे में सोने चले गए। रात साढ़े 11 बजे पत्नी माला देवी की नींद खुली। वह बच्चों को चादर देने कमरे में गई। देखा तो मुस्कान फंदे पर लटकी हुई है। उसकी चीख सुनकर मैं भी कमरे में पहुंचा। बेटी को फंदे से उतारकर तुरंत ही उसे एम्स लेकर आए। तब उसकी सांसें चल रही थीं। अस्पताल में थोड़ी देर तक चले उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
मनोज भगत के 6 बेटियां, दो बेटे हैं। उन्होंने बताया कि मुस्कान उनकी चौथे नंबर की संतान थी। वह बागसेवनिया इलाके में 10वीं पढ़ रही थी। इसके साथ ही मंदिर में फूलों का ठेला लगाती थी। घर खर्च में सहयोग के लिए वह पार्ट टाइम जॉब भी बीच-बीच में करती थी। मनोज भगत ने बताया कि बेटी ने कभी कोई परेशानी नहीं बताई।
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