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Sunday, September 22, 2024

जबलपुर में स्वाइन फ्लू के 11 केस मिले, स्वास्थ्य विभाग हुआ अलर्ट

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जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्वाइन फ्लू के 11 मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे इलाके में चिंता का माहौल है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. संजय मिश्रा ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि ये सभी मामले 11 जुलाई से 6 अगस्त के बीच सामने आए हैं।

स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि 11 संक्रमितों में से 6 मरीजों को ठीक होने के बाद निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि बाकी मरीजों का इलाज अभी भी चल रहा है। स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने से पहले इन मरीजों को सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत थी। सभी मरीज जिले के विभिन्न हिस्सों से हैं।

स्वाइन फ्लू के मामलों के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। स्वाइन फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए कई टीमें विभिन्न क्षेत्रों में परीक्षण कर रही हैं। लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की गई है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लक्षण दिखने पर लोग तुरंत अस्पताल जाएं और पूरी सावधानी बरतें।

क्या है स्वाइन फ्लू?

स्वाइन फ्लू एक अत्यंत संक्रामक श्वसन रोग है जो सूअरों में फैलता है और स्वाइन इंफ्लुएंजा वायरसों में से एक से होता है। आमतौर पर यह बीमारी सूअरों तक ही सीमित रहती है, लेकिन कभी-कभी सूअरों के सीधे संपर्क में आने से यह मनुष्यों में भी फैल सकती है।

स्वाइन फ्लू के लक्षण:

स्वाइन फ्लू के लक्षणों में सर्दी, जुकाम, सूखी खांसी, थकान, सिरदर्द और आंखों से पानी आना शामिल हैं। गंभीर मामलों में बुखार तेज हो जाता है और सांस फूलने लगती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बचाव के लिए सावधानियां:

1. हाइजीन का ध्यान रखें:खांसते या छींकते समय टीशू से मुंह और नाक को कवर करें और इस्तेमाल के बाद उसे नष्ट कर दें।
2. हाथों की सफाई: बाहर से आने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
3. मास्क पहनें: जिनमें स्वाइन फ्लू के लक्षण हों, उन्हें मास्क पहनकर घर में ही रहना चाहिए।
4. संपर्क से बचें: स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज से क्लोज कॉन्टैक्ट से बचें, हाथ मिलाने से बचें और नियमित रूप से हाथ धोते रहें।
5. डॉक्टर से सलाह: यदि किसी को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो या तीन-चार दिन से हाई फीवर हो, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
6. टेस्ट: स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए गले और नाक के द्रव्यों का टेस्ट होता है, जिससे एच1एन1 वायरस की पहचान की जाती है। इस तरह का कोई भी टेस्ट डॉक्टर की सलाह के बाद ही करवाएं।

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग और जनता को सतर्क कर दिया है, और सभी को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

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