ग्वालियर | पश्चिम बंगाल और चेन्नई में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने की जिम्मेदार मध्य प्रदेश ग्वालियर के SAF जवानों के कंधों पर है। शुक्रवार को ग्वालियर से SAF की 12 कंपनियां वेस्ट बंगाल और चेन्नई के लिए रवाना हुई हैं। इनमें से 10 कंपनियां बंगाल और 2 कंपनियां चेन्नई जाएंगी। वेस्ट बंगाल में आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिनमें पहला चरण 27 मार्च को है, जबकि चेन्नई में 1 ही चरण 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। यह फोर्स ग्वालियर स्टेशन से स्पेशल ट्रेनों के जरिए वेस्ट बंगाल व चेन्नई रवाना हुआ है।
पूरे देश में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्साह चरम पर है। जिस तरह से वहां सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में जंग छिड़ी हुई है उससे पूरे देश की नजर इसी विधानसभा चुनाव पर है। यहां 295 विधानसभा सीट हैं जिनमें 294 (एक नामांकित सीट छोड़कर) सीट पर चुनाव हो रहा है। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान हो रहा है। पहला चरण 27 मार्च और आखिरी 29 अप्रैल को है। 2 मई को मतदान के नतीजे आने हैं। इसके साथ ही चेन्नई में 234 विधानसभा सीट के लिए एक ही चरण में मतदान होना है। 6 अप्रैल को वहां मतदान होगा। पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के जिम्मेदारी चुनाव आयोग पर है। इसलिए पूरे देश से 125 कंपनियां SAF, रिजर्व पुलिस व अन्य फोर्स की मांगी गई थीं।
शुक्रवार सुबह ग्वालियर रेलवे स्टेशन SAF की 10 कंपनियां स्पेशल ट्रेन से पश्चिम बंगाल के लिए रवाना हुई हैं। वहां इन्हें 1 अप्रैल को होने वाले दूसरे चरण के मतदान में ड्यूटी करना है। इसके साथ ही SAF की 2 कंपनियां स्पेशल ट्रेन से चेन्नई के लिए रवाना हुई हैं। वहां 6 अप्रैल को चुनाव कराए जाने हैं। पूरे एक महीने तक फोर्स वहीं रहेगा।वैसे तो एक कंपनी में 120 जवान व अफसर होते हैं। इनमें सूबेदार से लेकर ट्रेडमैन तक शामिल होते हैं। पर आमतौर पर जब टीम बाहर भेजी जाती है तो उसमें ट्रेडमैन जैसे कपड़े धोने वाले, खाना बनाने वाले, सफाई करने वाले आदि कर्मचारियों को नहीं भेजा जाता है। इस तरह से बाहर भेजे जाने वाली कंपनी में 75 से 80 जवान शामिल होते हैं।
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