भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में अगले तीन वर्षों में 12 लाख आवास बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है, और हर साल चार लाख आवासों का निर्माण होगा, जिसकी शुरुआत वित्तीय वर्ष 2025-26 से होगी।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 54,832 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी। साथ ही, जल जीवन मिशन को वर्ष 2028 तक जारी रखने की घोषणा ने भी मध्य प्रदेश को राहत दी है।
20,000 करोड़ रुपये की उम्मीद
जल जीवन मिशन के तहत मध्य प्रदेश में 77,952 करोड़ रुपये की 22,408 परियोजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। मिशन के संचालन से राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के क्रियान्वयन में देश में सबसे आगे है।
लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य
गरीब कल्याण मिशन में आवास को उच्च प्राथमिकता दी गई है। केंद्र सरकार के बजट से राज्य को उम्मीद है कि उसे लक्ष्य के अनुसार राशि प्राप्त होगी। साथ ही, नारी सशक्तिकरण के लिए लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसकी पूर्ति के लिए भी आर्थिक सहायता मिलेगी।
राज्य बजट से अतिरिक्त राशि की उपलब्धता
जल जीवन मिशन में 2023-24 में 10,773 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, और 2024-25 में 17,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। वर्तमान में 2,622 करोड़ रुपये की किस्त मिली है, जबकि दूसरी किस्त के रूप में 1,422 करोड़ रुपये की मांग की गई है। राज्य बजट से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अतिरिक्त राशि प्रदान की गई है।
लक्ष्य प्राप्ति में मदद
मिशन की अवधि बढ़ाने से इसके लक्ष्यों की प्राप्ति में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्कूलों में साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं और माध्यमिक स्कूलों में ब्रॉडबैंड की सुविधा का लाभ भी मध्य प्रदेश को मिलेगा।
युवा, नारी और किसानों पर केंद्रित बजट
उप मुख्यमंत्री वित्त जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह बजट गरीब कल्याण, युवा कल्याण, नारी शक्ति और किसानों की समृद्धि पर केंद्रित है। विशेष पूंजीगत सहायता योजना से राज्य को बड़ा लाभ मिलेगा, क्योंकि मध्य प्रदेश ने पूंजीगत व्यय में अच्छा प्रदर्शन किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवास, किसान क्रेडिट कार्ड में ऋण सीमा बढ़ाने, और सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए ऋण गारंटी कवर को दस करोड़ रुपये तक बढ़ाने से प्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों का विस्तार होगा।