खंडवा। खंडवा जिला अस्पताल में भर्ती 15 वर्षीय नाबालिग व उसकी नवजात बालिका का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। दोनों के सैंपल मंगलवार को इंदौर से पहुंची लसूड़िया थाने की टीम को जिला अस्पताल से सौंपे गए हैं। यह सैंपल भोपाल या सागर की फोरेंसिक लैब भेजे जाएंगे। जहां पर 13 वर्षीय बालक के डीएनए से इनका मिलान होगा। इसके आधार पर नाबालिग बालक के पिता होने की पुष्टि की जाएगी। 24 अक्टूबर को जिला अस्पताल में नाबालिग ने बालिका को जन्म दिया था। जिसके बाद से नवजात को एसएनसीयू में भर्ती रखा गया है। डाक्टरों के अनुसार बालिका स्वस्थ है। खंडवा पुलिस ने बयान के बाद एफआइआर दर्ज कर केस इंदौर पुलिस को ट्रांसफर किया था। जहां से जांच अधिकारी खंडवा पहुंचे थे। नवजात व नाबालिग बालिका के सैंपल लेकर इंदौर रवाना हुए।
जानकारी के अनुसार बालिका इंदौर में रिश्तेदार के यहां गई थी। वहां पर 13 वर्षीय बालक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। कुछ समय के बाद बालिका अपने घर आ गई। दीपावली की सफाई के दौरान वह घर में गिर गई। पेट में दर्द होने पर स्वजन ने गांव में डाक्टर को दिखाया। डाक्टर ने उसे जिला अस्पताल रैफर किया था। जहां जांच के बाद गर्भवती होने की जानकारी मिली थी। नाबालिग के बयान के बाद इंदौर की लसूड़िया पुलिस ने मामला पंजीबद्ध कर आरोपित नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल सरंक्षण गृह भेजा है।
प्रसूति के बाद नवजात बालिका को एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था। नवजात का वजन 2.19 किलोग्राम है जो स्वस्थ है। नवजात फिलहाल एसएनसीयू में ही रहेगी। उधर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष विजय सनावा ने बताया-स्वजन व नाबालिग की काउंसलिंग की गई थी। वह बच्चे को रखने के लिए तैयार नहीं है। एक बार फिर से हम काउंसलिंग करेंगे। अगर वह नहीं माने तो नवजात को विधिवत समिति को सौंपने की प्रक्रिया होगी। उनके आवेदन के बाद 60 दिनों का समय दिया जाएगा। इस दौरान बार-बार काउंसलिंग होगी।