भोपाल: इस साल मध्य प्रदेश में मानसून अपने तय कोटे से 18% ज्यादा सक्रिय रहा है। सामान्य 37.3 इंच बारिश के मुकाबले, प्रदेश में अब तक 43.9 इंच बारिश हो चुकी है। खासकर 10 जिलों में, जहां 50 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। आने वाले दिनों में भारी बारिश की संभावना कम है, लेकिन सोमवार को भोपाल, इंदौर समेत 37 जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, अब तेज बारिश कराने वाले सिस्टम कमजोर हो रहे हैं, जिसके चलते प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में धूप खिलने की संभावना है। हालांकि, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, और शिवपुरी समेत 10 जिलों में रविवार को बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिक अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि आने वाले दिनों में भी हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन तेज बारिश का कोई अलर्ट नहीं है।
शिवपुरी में अटलसागर डैम के गेट खोले गए
शिवपुरी में भारी बारिश के बाद अटलसागर डैम के दो गेट खोल दिए गए हैं। भोपाल के कोलार, कलियासोत, भदभदा और केरवा डैम में भी जलस्तर बढ़ने से पानी छोड़ा गया है। प्रदेश के करीब 200 डैम इस सीजन में पूरी तरह भर चुके हैं। इनमें प्रमुख डैम जैसे बरगी, ओंकारेश्वर, और इंदिरा सागर कई बार ओवरफ्लो हो चुके हैं, जिसके कारण इनके गेट कई बार खोले गए।
जबलपुर संभाग में सबसे अधिक बारिश
इस साल की मानसूनी बारिश के आंकड़ों में जबलपुर संभाग सबसे आगे है। मंडला जिले में अब तक सबसे ज्यादा 60.5 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सिवनी में 56.8 इंच बारिश हुई है। श्योपुर, निवाड़ी, भोपाल, सागर, राजगढ़, अलीराजपुर, छिंदवाड़ा और सीधी जिले भी सबसे ज्यादा बारिश वाले जिलों में शामिल हैं।
आने वाले तीन दिन का पूर्वानुमान
आने वाले तीन दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन तेज बारिश की संभावना कम है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम साफ रहेगा, और धूप खिल सकती है।
नदी-डैम का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन प्रभावित
रविवार को हुई भारी बारिश के कारण उज्जैन में शिप्रा नदी का रामघाट जलमग्न हो गया, वहीं रतलाम में सड़कों पर पानी भरने से जनजीवन प्रभावित हुआ। शिवपुरी में खेतों में पानी भरने से फसलें भीग गईं, जिससे किसानों को नुकसान हुआ है।
मध्यप्रदेश में अब मानसून विदाई की ओर है, लेकिन मौसम की यह अस्थिरता जनजीवन को प्रभावित कर रही है।