ग्वालियर। ग्वालियर के डबरा स्थित छपरा गांव में शादी का खाना खाने के बाद 20 से ज्यादा बच्चे और बड़े बीमार हो गए हैं। रात 2 बजे अचानक गांव के एक साथ गई घरों में बच्चे और बड़े उल्टियां करने लगे। इतना ही नहीं कुछ ही देर में यह लस्त पस्त हो गए। 3 बजे के लगभग गांव को लोग एम्बुलेंस और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की मदद से सभी बीमारों को लेकर डबरा सिविल हॉस्पिटल पहुंचे। यहां अस्पताल में एक भी डॉक्टर नहीं था। सिर्फ निचले स्टाफ के भरोसे मरीज थे। रविवार सुबह 9 बजे वहां डॉक्टर पहुंचे तब हालात पर कुछ काबू पाया जा सका। कुछ बच्चों और बड़ों की हालत नाजुक हैं जिन्हें ग्वालियर रैफर किया जा रहा है। डबरा से कांग्रेस विधायक सुरेश राजे घटना का पता चलते ही तत्काल हॉस्पिटल पहुंच गए। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। सरकार पर गरीबों के इलाज के नाम पर मजाक करने की बात कही है।
ग्वालियर देहात के डबरा स्थित छपरा गांव में शनिवार को एक परिवार में शादी समारोह था। वहां गांव के कई परिवारों का निमंत्रण था। शादी में खाना खाने के बाद बच्चे अपने घर पहुंचे। रात करीब 1 से 2 बजे के बीच बच्चों और कुछ बड़े लोगों की हालत बिगड़ने लगी। उल्टियां होने लगीं। पहले परिजन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया उनको लगा कि अपच के कारण यह हो रहा है, लेकिन इसके बाद बच्चों को लगातार उल्टी और दस्त होने और एक घंटे में उनके लस्त पस्त हो जाने के बाद परिजन चिंतित हुए। बाहर निकले तो पता लगा कि हर दूसरे घर में यही हाल है। करीब 20 से ज्यादा बच्चे और बड़ों की यही हालत थी। तत्काल एम्बुलेंस और ट्रैक्टर-ट्रालियों की मदद से सभी को डबरा सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उनको भर्ती कराया। बीमार बच्चों की पहचान, टिंकल, सोनू, राजा, देवकी, नंदिनी, महेश, गोलू व अन्य के रूप में हुई है।
सिविल हॉस्पिटल में नहीं मिला डॉक्टर बिगड़ी हालत
जब सिविल हॉस्पिटल में बीमार बच्चों को लेकर गांव के लोग पहुंचे तो रात के 3 बजे थे, लेकिन हॉस्पिटल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर गायब थे। सिर्फ नर्स और स्टाफ के भरोसे सारे मरीज थे। किसी तरह उनको ग्लूकोज लगाया गया। इतनी संख्या में बीमार पहुंचने से अस्पताल का स्टाफ भी कुछ नहीं कर पा रहा था। रविवार सुबह तक डॉक्टर वहां नहीं पहुंचे थे। जब डबरा विधायक सुरेश राजे वहां पहुंच गए और उन्होंने हंगामा कर अफसरों को फोन किए तो वहां डॉक्टर पहुंचे हैं। कुछ बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने पर उन्हें ग्वालियर रैफर किया गया है। कुछ परिजन अपनी इच्छा से ग्वालियर के लिए मरीज को लेकर निकल गए हैं।।शनिवार को दिन का अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस था। ऐसे में शादी के बाद हुए भोज में पुड़ी, सब्जी व दही का रायता खाया गया था। गर्मी में इसी में से किसी चीज से बच्चों और जवानों की यह हालत हुई है ऐसा माना जा रहा है। क्योंकि जितने भी लोग बीमार हुए हैं वह सभी शादी में गए थे। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
घटना का पता लगते ही डबरा से कांग्रेस विधायक सुरेश राजे भी सिविल हॉस्पिटल पहुंच गए और अस्पताल की व्यवस्थाओं पर जमकर नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना था कि यहां की व्यवस्थाएं काफी खराब है ना तो ग्लूकोस की बोतलें है ना ही जांच हो रही है और तो और प्रसूताओं के लिए पंखे भी उपलब्ध नहीं है सबसे बड़ी बात समय पर चिकित्सक उपलब्ध नहीं होते जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। आपको बता दें कि डबरा का सिविल अस्पताल क्षेत्र में स्वास्थ्य सुबिधायें उपलब्ध कराने का एकमात्र स्थान है पर यहाँ की स्थिति काफी खराब बनी हुई है लोगों को स्वास्थ सुविधाएं उपलब्ध कराने वाला अस्पताल बीमारी की हालत में बना हुआ है ना तो जाँच हो पा रही है ना ही बीमारों को इलाज मिल पा रहा है।