इंदौर। दिल्ली में वोटिंग पूरी होने के बाद अब सभी को परिणाम का इंतजार है। मतगणना जारी है। इस बीच, एग्जिट पोल के अनुमान भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
इस बार के एग्जिट पोल में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया है। पांच एग्जिट पोल का औसत बता रहा है कि 27 साल का सूखा समाप्त करते हुए भाजपा 70 में से कम से कम 39 सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है। बहुमत का आंकड़ा 36 है।
दिल्ली में कितने सही साबित होते हैं एग्जिट पोल
एग्जिट पोल को लेकर हमेशा मन में शंका रहती है, क्योंकि कई बार ये बुरी तरह गलत साबित हुए हैं। वैसे दिल्ली में पिछले दो साल के एग्जिट पोल बहुत हद तक सही साबित हुए हैं।
दोनों बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनने का अनुमान लगाया गया था। अंतर सिर्फ इतना रहा कि आम आदमी पार्टी ने एग्जिट के अनुमान से कहीं बड़ी जीत दर्ज की।
इसे देखते हुए राजनीतिक पंडित सवाल उठा रहे हैं कि क्या इस बार भाजपा को एग्जिट पोल की उम्मीद से बड़ी जीत मिलेगी और आम आदमी पार्टी को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा?
2015 में एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 45 सीट का अनुमान लगाया गया था। जब परिणाम आया तो पार्टी के खाते में 67 सीट चली गई। भाजपा 3 पर सिमट गई, कांग्रेस का खाता नहीं खुला।
वहीं, 2020 में भी एग्जिट पोल का अनुमान था कि 54 सीटों के साथ एक बार फिर आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। परिणाम आए तो केजरीवाल की पार्टी 62 विधायकों के साथ खड़ी थी।
कांग्रेस को लेकर किसी के मन में शंका नहीं
इस बार के एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस को 1 या 2 सीट पर जीत मिल सकती है। 2015 और 2020 में भी कांग्रेस का खाता नहीं खुला था। इस बार भी ऐसा ही होने की आशंका है।
एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आने के बाद नई दिल्ली से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़े संदीप दीक्षित ने कांग्रेस की जीत का दावा नहीं किया, लेकिन कहा कि एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को कमजोर आंका गया है।
चुनाव आयोग पर अखिलेश यादव का विवादित बयान
दिल्ली के एग्जिट पोल आने के बाद समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर अपना गुस्सा उतारा। अखिलेश ने कहा, चुनाव आयोग मर गया है। उन्हें सफेद कपड़ा भेंट करना चाहिए। अखिलेश ने आगे कहा- हम exit poll में नहीं, बल्कि exact पोल में भरोसा करते हैं।