मुरैना। मध्यप्रदेश जिले में ज़हरीली शराब कांड में पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है, कि जिस जहरीली शराब से 27 लोगों की जान गई थी। उस शराब को बनाने के लिए बड़ी मात्रा में थिनर केमिकल आगरा से खरीदा गया था और उसकी पैकिंग का सामान ग्वालियर में बनवाया गया था। इसके बाद इस केमिकल को छेरा, मानपुर, कांसपुरा व दोनारी बीसंगपुर भेजा गया था। जहां से बनी शराब ने सभी गांव में मौत का तांडव मचा दिया था।
जहरीली शराब कांड में पकड़े गए 15 आरोपियों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है,कि अवैध शराब बनाने के लिए आरोपियों ने एक ड्रम ओपी 25 से 30 हजार रुपए में खरीदा था और जिस थिनर केमिकल का इस्तेमाल जहरीली शराब में हुआ था। उसके 5 ड्रम 30 हजार रुपए में उन्होंने आगरा से दूसरे व्यक्ति के आधार कार्ड के जरिए खरीदे थे, तो वही शराब की पैकिंग के लिए जिन जिन सामान की जरूरत पड़ती थी। उसे वह ग्वालियर के शराब माफियाओं के संपर्क से खरीदते थे। शराब के क्वार्टर पर चिपकाने वाले लेबल भी ग्वालियर की प्रिंटिंग प्रेस पर ही छपवाए गए थे। पुलिस का दावा है ,कि अवैध शराब का एक बड़ा सिंडिकेट नेटवर्क इसके पीछे काम कर रहा था। जिसे उन्होंने ध्वस्त किया है।
मुरैना जहरीली शराब कांड में मारे गए 27 लोगों की मौत के बाद नींद से जागा आबकारी विभाग अब लगातार जिले में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करने का दम भर रहा है। तो वही 27 लोगों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने एक-एक करके सभी 15 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से कुछ आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम(रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है। तो कुछ आरोपियों के मकानों को भी जमीदोज किया गया है। वही शराब परिवहन में काम आने वाले पांच वाहनों को जप्त किया गया है। और बकायदा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घरों में रखी पुरानी शराब को आबकारी अमले को जमा कराने की मुनादी कराई गई है। हालांकि अब इस पूरे मामले में अभी भी जांच जारी है। आने वाले समय में जांच के दौरान कई ऐसे बड़े शराब माफियाओ के नाम भी उजागर हो सकते हैं, जो इन सभी आरोपियों की मदद करते हो।
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