इंदौर। धानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद हितग्राही परिवारों को सितंबर तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। इस योजना से इंदौर जिले के 3.20 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। योजना के तहत परिवार के हर सदस्य को पांच किलो अनाज दिया जा रहा है। इसमें चार किलो गेहूं और एक किलो चावल शामिल है। इंदौर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से यह राशन वितरण किया जा रहा है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के जरिए भी राशन दिया जा रहा है। इस योजना में एक रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो चावल दिया जा रहा है। इसमें भी हर सदस्य को पांच किलो अनाज की पात्रता है। कोरोनाकाल में देशभर में शुरू हुई इस योजना में सहकारी उचित मूल्य की दुकानों और उपभोक्ता भंडारों में कई जगह बाद में राशन घपले के मामले भी सामने आए थे। इंदौर में कलेक्टर मनीषसिंह ने जांच कराई तो शहर की लगभग डेढ़ दर्जन राशन दुकानों पर घोटाला सामने आया था। कई हितग्राहियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन ही नहीं मिला था। गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए दो अलग-अलग योजनाओं में आए राशन में से कई परिवारों को केवल एक योजना का राशन ही दिया गया।
एक योजना का राशन बाजार में बेच दिया गया और अवैध रूप से कमाई की गई। कई हितग्राहियों को पता ही नहीं चला कि सरकार ने उनके लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में भी मुफ्त राशन का इंतजाम किया है। हितग्राहियों के बयान लिए गए तो उन्होंने बताया कि हमें राशन नहीं मिला। इंदौर में जिन उपभोक्ता भंडारों में यह घोटाला हुआ उनके संचालकों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए गए। अब प्रशासन ने उचित मूल्य की दुकानों की निगरानी के लिए सभी एसडीएम और तहसीलदार को भी जिम्मेदारी सौंपी है। दुकानों के औचक निरीक्षण और जांच का जिम्मा दिया है।