सिंधिया को 300 उम्मीदवारों ने सौंपा बायोडाटा, उन्होंने कहा चिंता मत करना मैं हूं

ग्वालियर। ग्वालियर में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनसंपर्क किया है। जयविलास पैलेस में दो घंटे के जनसम्पर्क में सिंधिया के सामने 300 उम्मीदवारों ने अपने बायोडाटा सौंपे हैं। यह सभी बायाडोटा नगरीय निकाय चुनाव 2022 के लिए हैं। इसमें तीन बायोडाटा महापौर के लिए हैं और 297 पार्षद का टिकट चाहने वालों के हैं। सिंधिया ने भी संभावित नामों को लेकर कार्यकर्ताओं का मन टटोला है। साथ ही उन्हें विश्वास दिलाया है कि जल्द ही योग्य प्रत्याशियों के नाम तय होंगे। इसके लिए भाजपा संगठन, सीएम और हम बात कर रहे हैं। ग्वालियर में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव 2022 के लिए भारतीय जनता पार्टी को अपने उम्मीदवारों की घोषणा करना है। उम्मीद की जा रही है कि दो या तीन दिन में पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। इस बीच दावेदारों का मन टटोलने, माहौल को देखने और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे हैं।

 

जय विलास पैलेस में उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। सिंधिया के आने की पूर्व सूचना के चलते हजारों की संख्या में उनके समर्थक व नगरीय निकाय चुनाव में पार्षदी की उम्मीदवारी जता रहे संभावित उम्मीदवार बायोडाटा के साथ सिंधिया महल पास पहुंचे। हर कोई सिंधिया से मुलाकात करना चाह रहा था। सिंधिया भी किसी की पीठ, तो किसी के कंधे पर हाथ रखकर आश्वस्त करते हुए नजर आ रहे थे, उधर अपना बायोडाटा सौंपने वाला दावेदार सिंधिया के पैर छूकर कहते नजर आए की हम पर कृपा करना कोई कह रहा था कि महाराज मेरी जीत पक्की है टिकट दिलवा दो।

 

 

जय विलास पैलेस में आयोजित किए गए जनसंपर्क में यहां खास बात देखने को मिली कि सिंधिया महल में बीजेपी के जितने भी दावेदार पहुंचे थे उनमें से अधिकांश ऐसे नेता और कार्यकर्ता थे जो सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होते ही सिंधिया का समर्थन करने के लिए बीजेपी पार्टी में शामिल हो गए थे। अब जितने भी कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी पार्टी में शामिल हुए थे वह अपने महाराज के सहारे भाजपा में अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि सिंधिया के पास कार्यकर्ताओं के करीब 5 से 6 हजार बायोडाटा पहुंचे हैं। वही सिंधिया का कहना है कि पार्टी का एक ही क्राइटेरिया है कि भाजपा के खाते में जीत से ज्यादा से ज्यादा सीटें आएं। इसलिए जीतने वाले उम्मीदवारों को ही मौका दिया जाएगा।

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