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Thursday, November 21, 2024

MP में ई-टेंडरिंग में हुआ 3000 करोड़ का स्कैम , ED ने दो को किया गिरफ्तार 

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भोपाल | (Madhya Pradesh) में 3000 करोड़ रुपए के कथित ई-टेंडरिंग घोटाला (E-Tendering Scam Madhya Pradesh) मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मंटेना कंस्ट्रक्शंस कंपनी (Mantena Constructions Pvt. Ltd.) के संस्थापक व चेयरमैन श्रीनिवास राजू और भोपाल निवासी उनके सहयोगी Arni Infra के आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया है एजेंसी ने दोनों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (Prevention of Money Laundring Act) की धाराओं में गिरफ्तार किया है |

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कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 3 फरवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है इस मामले में जनवरी के पहले हफ्ते में ईडी की टीमों ने छापेमार कार्रवाई भी की थी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव गोपाल रेड्डी के हैदराबाद स्थित आवास पर भी ईडी के अधिकारी पहुंचे थे ईडी ने भोपाल, हैदराबाद और बेंगलुरु में 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी कर घोटाले से जुड़े दस्तावेज बरामद किए थे आपको बता दें कि अप्रैल 2019 में मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offence Wing) ने हैदराबाद की कुछ कंपनियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था ईओडब्ल्यू ने अपनी एफआईआर में मैक्स मंटेना, माइक्रो जेवी हैदराबाद, जीवीपीआर इंजीनियर्स लिमिटेड हैदराबाद आदि को मुख्य लाभार्थी बताया था ईडी की ओर से इसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था |

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मध्य प्रदेश सरकार ने अलग-अलग विभागों के ठेकों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए 2014 में ई-टेंडरिंग की व्यवस्था लागू की थी. इसके लिए बेंगलुरु की निजी कंपनी से ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल बनवाया गया. तब से मध्य प्रदेश में हर विभाग इसके माध्यम से ई-टेंडर करता है मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (MP Public Health Engineering Department or MP-PHE) ने जलप्रदाय योजना के 3 टेंडर 26 दिसंबर 2017 को जारी किए थे. इनमें सतना के 138 करोड़, राजगढ़ के 656 करोड़ और 282 करोड़ के टेंडर थे सतना के बाण सागर नदी से 166 एमएलडी पानी 1019 गांवों में पहुंचाने के लिए 26 दिसंबर 2017 को ई.टेंडर जारी किया गया था|

इस प्रोजेक्ट के लिए 5 बड़ी नामी कंपनियों ने टेंडर भरे थे राजगढ़ जिले की काली सिंध नदी से 68 एमएलडी पानी 535 गांवों को सप्लाई करने का टेंडर 26 दिसंबर 2017 को जारी किया गया था. इस प्रोजेक्ट के लिए 4 नामी कंपनियों ने  टेंडर भरे थे राजगढ़ जिले के नेवज नदी पर बने बांध से 26 एमएलडी पानी 400 गांवों को सप्लाई करने के लिए  26 दिसंबर 2017 को ई.टेंडर जारी किया गया था. इस प्रोजेक्ट के लिए 7 कंपनियों ने टेंडर भरे थे|

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टेंडर टेस्ट के दौरान 2 मार्च 2018 को जल निगम के टेंडर खोलने के लिए डेमो टेंडर भरा गया जब 25 मार्च को टेंडर लाइव हुआ तो पता चला कि डेमो टेंडर अधिकृत अधिकारी पीके गुरू के इनक्रिप्शन सर्टिफिकेट से नहीं बल्कि फेक इनक्रिप्शन सर्टिफिकेट से भरा गया था बोली लगाने वाली एक निजी कंपनी 2 टेंडरों में दूसरे नंबर पर रही कंपनी ने इस मामले में गड़बड़ी की शिकायत की. कंपनी की शिकायत पर तत्कालीन प्रमुख सचिव ने विभाग की लॉगिन से ई-टेंडर साइट को ओपन किया तो उसमें एक जगह लाल क्रॉस दिखाई दिया

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