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Wednesday, November 13, 2024

गोबर टैंक में डूबने से 4 साल के मासूम की मौत

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सतना। सतना में बिरला डेयरी प्लांट के गोबर टैंक में डूबने से 4 साल के बच्चे की मौत हो गई। घटना के बाद से प्रबंधन के प्रति लोगों में गुस्सा है। यहां तनाव के हालात बन गए हैं। जानकारी मिलते ही एसडीएम और सीएसपी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। कंपनी प्रबंधन के प्रतिनिधियों से बातचीत और मुआवजे के आश्वासन के बाद शव को पीएम के लिए भेजा जा सका। सतना के कोलगवां थाना अंतर्गत स्थित सतना सीमेंट कंपनी के बिरला डेयरी प्लांट कैंपस के गोबर प्लांट में देवांश गर्ग (4) पिता संदीप गर्ग गिर गया। डूबने से उसकी मौत हो गई। देवांश के पिता संदीप बिरला डेयरी प्लांट में पिछले 6 माह से नौकरी कर रहे हैं। पूरा परिवार इसी कैंपस में बने आवास में रहता है। यहां गोबर के बड़े-बड़े टैंक बने हैं। ये टैंक ऊपर से देखने में ऐसे लगते हैं जैसे कोई सूखी हुई सतह हो, लेकिन अंदर दलदल है।

 

 

देवांश के पिता संदीप ने बताया कि बुधवार को वह जैविक खाद सेक्शन में ड्यूटी पर थे। शाम लगभग 4 बजे पत्नी वंदना ने बताया कि देवांश कहीं दिख नहीं रहा है। मैं भाग कर अपने क्वार्टर पहुंचा और बेटे की तलाश शुरू की। गेट पर सिक्योरिटी गार्ड से भी पूछा, लेकिन वह भी कुछ नहीं बता सका। इस बीच उनकी नजर स्टाफ क्वार्टर के आगे बने गोबर टैंकों की तरफ गई तो वहां वंदना की चप्पलें पड़ी दिखीं। संदेह हुआ तो पास पड़े लोहे के सरिया को टैंक में डालकर घुमाया, उसमें कुछ फंसा तो सरिए को बाहर निकाला, जिसमें देवांश भी बाहर आ गया। उसकी सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। बिरला अस्पताल में डॉक्टरों ने देवांश को मृत घोषित कर दिया।

 

देवांश की मां वंदना का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार बेटे के माथे और तलवों को छूकर कह रही थी कि शरीर गर्म है, मेरा बेटा जिंदा है। पोस्टमॉर्टम के लिए भी वह बेटे को ले जाने नहीं दे रही थी। बाद में उसे कहा गया कि बेटे को अस्पताल दिखाने ले जा रहे हैं। तब भी वह साथ जाने को तैयार थी, लेकिन अन्य महिलाओं ने उसे किसी तरह रोका। इस बीच खबर मिली तो भाजपा नेता सुभाष शर्मा डोली, समाजसेवी धर्मेश चतुर्वेदी, वेद प्रकाश पांडेय पप्पू और सोहावल जनपद के उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह बराज समेत तमाम लोग वहां पहुंच गए। भीड़ बढ़ती गई तो गमगीन माहौल में तनाव भी बढ़ने लगा। नाराज लोग इस घटना के लिए फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराने लगे। उन्होंने प्रबंधन के प्रतिनिधियों को बुलाने और मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग शुरू कर दी।

 

 

घटना की खबर मिलने पर एसडीएम नीरज खरे, सीएसपी महेंद्र सिंह और टीआई कोलगवां सुदीप सोनी भी मौके पर पहुंच गए। प्रशासनिक और पुलिस अफसरों ने फैक्ट्री प्रबंधन से बातचीत की। घंटों चली चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि प्रबंधन अंत्येष्टि के लिए 30 हजार रुपए और 3 लाख रुपए मुआवजा देगा। मृतक के ढाई साल के भाई प्रयाग की 12वीं तक की पढ़ाई का खर्च उठाएगा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देगा। इसके बाद ही शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा सका। बिरला डेयरी प्लांट के कैम्पस में बने स्टाफ क्वार्टरों के आगे बने गोबर के टैंक मुहाने तक भरे हैं। ऊपर से देखने मे ऐसा लगता है जैसे इनकी ऊपरी सतह सूखी हुई हो, लेकिन अंदर दलदल है। यहां गोबर से बिजली बनाई जाती है। डेयरी प्रबंधन ने टैंक के किनारे रेलिंग अथवा जाली भी नहीं लगा रखी है, जबकि यहीं स्टाफ भी परिवार सहित रहता है। यहां कुछ दूरी पर सीसीटीवी कैमरा लगा रखा है, लेकिन वह भी तिरपाल से ढंका हुआ मिला।

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