महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के लिए मध्य प्रदेश परिवहन विभाग राज्य भर की 50 महिलाओं को मुफ्त पेशेवर ड्राइविंग प्रशिक्षण दे रहा है। सहायक परिवहन अधिकारी अर्चना मिश्रा ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि परिवहन आयुक्त ने महिलाओं को ड्राइविंग कौशल से लैस करने की योजना बनाई थी क्योंकि सार्वजनिक परिवहन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को चलाने के लिए कोई महिला नहीं थी।
उन्होंने कहा कि यहां ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (DTI) में 50 महिलाओं का प्रशिक्षण चल रहा है। चार पहिया वाहनों को चलाने के अलावा, महिलाओं को वाहनों की मरम्मत का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महिलाएं निजी क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कौशल से लैस होंगी। अर्चना मिश्रा ने कहा, “हमारी कोशिश है कि उन्हें नौकरी दी जाए और वे आत्मनिर्भर हों।”
DTI के एक अधिकारी अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि महिलाओं को एक महीने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद व्यावसायिक ड्राइविंग लर्निंग लाइसेंस मिलेगा। उन्होंने कहा, “50 महिलाओं में से 15 झाबुआ, रतलाम, ग्वालियर, छिंदवाड़ा जैसे शहरों से हैं, जिनके रहने की व्यवस्था हॉस्टल में है। 35 महिलाएं इंदौर से हैं।”
उन्होंने कहा कि कुछ लाभार्थी विधवा हैं और उनके परिवारों को चलाने की जिम्मेदारी है। एक प्रतिभागी पिंकी गुप्ता ने कहा कि वह अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक अच्छी नौकरी चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पति की मृत्यु छह महीने पहले हुई थी। अब सास और मेरे बच्चों की जिम्मेदारी मुझ पर है। मैं ई-रिक्शा चलाती थी और घरों में काम करती थी। मैं एक अच्छी कंपनी में ड्राइवर की नौकरी करना चाहती हूं। यह योजना काफी फायदेमंद है।”
कार्यक्रम की एक अन्य लाभार्थी मनीषा पाल ने कहा कि उसने तलाक ले लिया है और उसकी बेटी की पढ़ाई की जिम्मेदारी है जो कि डॉक्टर बनना चाहती है। उन्होंने कहा, “यहाँ प्रशिक्षण के दौरान, हमें थ्योरी सिखाई जा रही है जिसमें मशीन के बारे में जानकारी शामिल है। मैं एक अच्छी नौकरी पाने के लिए उत्सुक हूं।”