जबलपुर। मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल बोर्ड की पांचवीं और आठवीं के परिणाम निराशाजनक रहे। बड़ी संख्या में परीक्षार्थी अनुर्त्तीण हो गए। जबकि परीक्षार्थियों का दावा रहा कि उनको अच्छे अंक मिलना चाहिए थे। ये स्थिति न सिर्फ जबलपुर जिला अपितु पूरे प्रदेश की रही। लिहाजा शासन की ओर से पुनर्मूल्यांकन के आदेश दिए गए। शासन के निर्देश पर ऐसे सभी बच्चों की उत्तर पुस्तिकाएं को पुन: जांचा जा रहा है, जो एक या दो विषय में अनुत्तीर्ण हो गए थे।
संस्कृत, गणित और विज्ञान में अधिक खराब रहा परिणाम
जबलपुर जिले की बात की जाए तो जिले में ऐेसे परीक्षार्थियों की संख्या हजारों में है, जो अनुत्तीर्ण हो गए या फिर जो एक या दो विषयों में उत्तीर्ण नहीं हो पाए। विशेषत: आठवीं के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम संस्कृत, गणित और विज्ञान विषयों में खराब रहा। प्रदेश भर में ऐसी ही स्थिति रही, लिहाजा प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे परीक्षार्थियों की कापियां फिर से जांचे जाने के अादेश हुए हैं, जिनका रिजल्ट एक या दो विषयों में खराब रहा। ऐसे बच्चों की उन्हीं विषयों की कापियों को फिर से जांचा जा रहा है, जिनमें वो उत्तीर्ण नहीं हो पाए थे। जिले के ऐसे परीक्षार्थियों की संख्या पांचवीं में 6000 और आठवीं में 8000 रही। शहर के दो ब्लाकों की उत्तर पुस्तिकाएं मुरैना भेजी गई हैं, जबकि ग्वालियर अर्बन की उत्तर पुस्तिकाएं जबलपुर आई हैं।
पुनर्मूल्यांकन का कार्य विकासखंड स्तर पर किया जा रहा है। पांचवीं और आठवीं के लिए अलग-अलग मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं। जबलपुर शहर में पांचवीं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन एमएलबी स्कूल में तो आठवीं का रानी दुर्गावती कन्या उच्चतर माध्यमिक शला गढ़ा में चल रहा है। इस कार्य में मूल्यांकन कर्ताओं की अरूचि भी देखने मेंं आ रही है, लिहाजा भोपाल स्तर से लगातार इस कार्य में तेजी लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिला परियोजना समन्वयक योगेश शर्मा ने कहा है कि शासन के आदेश पर हो रहे इस कार्य में जो भी मूल्यांकन कर्ता लापरवाही बरतेंगे उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।