नई दिल्ली। बाबा केदारनाथ के धाम में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां यात्रियों को ले जा रहा निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर में 4 यात्री और 2 पायलट सवार थे। सभी की मृत्यु हो गई। हादसे के कारण शव जल गए। सभी को बरामद कर लिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि ये यात्री कहां के रहने वाले थे। हादसे उस समय हुआ जब हेलीकॉप्टर यात्रियों को वापस लेकर जा रहा था। घने कोहरे के कारण हादसा हुआ। इस वक्त केदारनाथ धाम में हल्की बर्फबारी भी हो रही है। हादसा सामने आने के बाद कई सवाल भी उठ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हादसे पर दुख जताया है। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जांच के आदेश दिए हैं।
मौके पर मौजूद राहत दल के सदस्यों ने बताया कि कई शव क्षत विक्षत अवस्था में हैं। शव जल चुके हैं। कुछ के अंग यहां वहां बिखरे हैं। मौसम खराब होने के कारण इनका पता लगाने में परेशानी आ रही है। जानकारों का कहना है कि खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर सेवा रोक दी जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। दरअसल, अभी केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने वाले हैं। इससे पहले तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि कहीं हेलीकॉप्टर कंपनी आर्यन हेली की लापरवाही के कारण तो हादसा नहीं हुआ। कई बार ये हेली कंपनियां बिजनेस करने के लिए मुश्किल हालात में भी हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए पायलट पर दबाव डालती हैं। हालांकि हेलीकॉप्टर उड़ाना है या नहीं, यह फैसला पूरी तरह से पायलट पर निर्भर करता है, लेकिन बिजनेस के लिए पायलट पर दबाव बनाने की बात सामने आ रही है।
वहीं मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्या मौसम की खराबी की सूचना हेली कंपनियों को दी गई थी? क्या उन्हें अभी सेवाएं चालू नहीं करने के लिए अलर्ट भेजा गया था