भोपाल। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को लगाए जाने वाले 850 रेमडेसिविर इंजेक्शन हमीदिया अस्पताल के दवा स्टोर से चोरी हो गए। आज यह इंजेक्शन मरीजों को लगने थे, इसलिए जिला प्रशासन ने कल ही अस्पताल को ये उपलब्ध करवा दिए थे। अस्पताल प्रशासन और अधिकारी अब इस मामले की जांच कर रहे हैं कि इंजेक्शन किसने चोरी किए। अस्पताल में हर दिन बिस्तर बढाए जाने के बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बिस्तर कम पड रहे है। इसके पीछे कारण यह है कि हमीदिया में भर्ती होने के लिए और सरकारी इलाज पाने के नाम पर यहां बिस्तरों की काला बाजारी शुरू हो गई है। आपदा को अवसर बनाने के लिए यहां एजेंट सक्रिय है जो बिस्तरों की नीलामी करते है।
जब भी कोई मरीज हमीदिया से डिस्चार्ज होता है तो उसकी जगह गिनती के समय वार्ड व्बॉय लेट जाते है और डॉक्टर कहते है कि बिस्तर फुल है। यहीं कारण है कि जो वास्तविक मरीज है उन्हें आसानी से बिस्तर उपलब्ध नहीं हो पाता है। इस मामले की पडताल के बाद सामने आया कि हमीदिया में बिस्तर पाने के लिए लोग मुंह मांगी रकम तक देने के लिए तैयार है। इधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सहित संभागायुक्त लगातार कह रहे है हमीदिया में 300 फिर 500 बिस्तर बढा दिए गए है लेकिन इसका लाभ ही नहीं मिल पा रहा था।
जब इस मामले की शिकायत संभागायुक्त से की गई तो उन्होंने पहले अपर कलेक्टर संदीप केरकेट्टा को जांच के लिए कहा। इस पर एक राजस्व निरीक्षक को भेजकर मौके की जानकारी ली गई। जांच में इस बात की पुष्टि हो गई कि डॉक्टर और वार्ड व्बॉय की मिलीभग से इस धांधली को अंजाम दिया जा रहा था। इतना ही नहीं ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने तो राजस्व निरीक्षक के साथ बदतमीजी तक कर दी। जब यह बात संभागायुक्त कवींद्र कियावत को पता चली तो उन्होंने तत्काल हमीदिया की व्यवस्था प्रशासनिक हाथों में देने के आदेश जारी कर दिए। अब हमीदिया में शनिवार से बिस्तरों का प्रबंधन प्रशानिक अफसर देंखेंगे।