सीधी | मध्यप्रदेश बस हादसे के 36 घंटे बाद सरकार एक्शन मोड में आई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी में बुधवार रात 11 बजे इस हादसे के लिए प्रारंभिक जांच के दौरान दोषी पाए गए सीधी आरटीओ, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) के मैनेजर, एडिशनल जनरल मैनेजर सहित चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 32 सीटों की बस में 62 यात्री सवार, प्रशासन क्यों नहीं चेता।
ये भी पढ़े : MP इन जिलों में आज भी ओलावृष्टि के आसार, जानिए कब तक सामान्य होगा मौसम
एमपीआरडीसी के अफसरों की जिम्मेदारी रोड मेंटेनेंस की थी, लेकिन सड़क खराब थी तो बनाई क्यों नहीं गई? इसके लिए अफसर दोषी हैं, जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को दिन भर मृतकों के परिजनों से उनके घर जाकर संवेदना व्यक्त की थी। इसके बाद रात 10 बजे सीधी कलेक्टर कार्यालय में बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अफसरों को निलंबित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस हादसे की विस्तृत जांच कराई जा रही है। लेकिन प्रारंभिक तौर पर कई सवाल हैं। इसलिए हादसे की तह तक जाएंगे। जो दोषी पाया जाएगा, उसे सजा के लिए तैयार रहना होगा।
ये भी पढ़े : नगर निगम ऑफिस में स्वास्थ्य अधिकारी ने तलवार से काटा केक video viral
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क वर्ष 2004 में बनी थी, लेकिन कई जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इसकी वजह यह है कि बड़े-बड़े ट्रॉले इस सड़क से निकलते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि मुझे पता चला है कि 100 पहिए वाले भारी भरकम ट्रॉलों के कारण सड़क खराब हुई। जिस कारण जाम की स्थिति बनी। यही वजह है कि बस ड्राइवर जाम से बचने के लिए नहर के रास्ते बस को ले गया और हादसा हो गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सड़क का निर्माण जल्दी से जल्दी शुरू कराया जाएगा। एमपीआरडीसी के एमडी और इंजीनियर गुरुवार तक सीधी पहुचं जाएंगे। उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण लॉन्ग टर्म प्लान के हिसाब से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जब तक सड़क निर्माण चलेगा, 6-6 घंटे के लिए दोनों तरफ का ट्रैफिक रोका जाएगा। इस दौरान जिगना से भरतपुर तक वैकल्पिक मार्ग बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे के बाद शिवरानी और लवकुश लोनिया ने लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की। इसी तरह फायर फाइटर सत्येंद्र शर्मा ने लोगों को बचाने में अहम भूमिका निभाई। तीनों को 5-5 लाख रुपए सम्मान निधि दी जाएगी। इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस कर्मियों की सूची भी मांगी है, जिन्हें पुरस्कृत किया जाएगा। इन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत ही तत्परता से किया।