भोपाल: राजधानी भोपाल के कुछ प्राइवेट स्कूलों द्वारा कोचिंग संस्थानों को निजी डाटा शेयर करने के मामले को लेकर मध्य प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि निजी स्कूलों द्वारा कोचिंग संस्थानों को छात्रों की निजी जानकारी दी जा रही है. जिसकी वजह से कोचिंग संचालक अभिभावकों और छात्रों को फोन करके कोचिंग में एडमिशन लेने के लिए दबाव बना रहे हैं. इससे अभिभावक मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं.
बाल संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को लिखे में पत्र में कहा कि प्राइवेट स्कूलों द्वारा निजी जानकारी शेयर करने की वजह से साइबर क्राइम को भी बढ़ावा मिल रहा है. साथ ही आयोग ने यह भी कहा कि इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करना कानूनन दंडनीय अपराध है. इसलिए कलेक्टर से अनुरोध है कि इस मामले की जांच करें और ऐसा करने वाले स्कूलों को खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें, ताकि आगे से कोई भी प्राइवेट स्कूल इस तरह की हरकत न करें.
आपको बता दें कि बीते वर्ष मार्च में कोरोना महामारी के चलते प्रदेश के कोचिंग संस्थान बंद कर दिए गए थे. हालांकि कोरोना का कहर कम होने से राजधानी भोपाल में कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने का आदेश दिया गया था. वहीं, अभी भी कई कोचिंग संस्थान ऐसे हैं, जो ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. इन कोचिंग संस्थानों द्वारा स्कूल बंद होने का फायदा उठाया जा रहा है और ये प्राइवेट स्कूलों से अभिभावकों का नंबर लेकर उन्हें कोचिंग संस्थान में भेजने का दबाव बना रहे हैं.