ग्वालियर | मध्यप्रदेश राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) की कार्रवाई में नियमों की अनदेखी करना कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भारी पड़ रहा है। 6 दिन के भीतर दूसरी बार हाईकोर्ट ने कलेक्टर द्वारा की गई रासुका की कार्रवाई को गलत मानते हुए जुर्माना लगाया है।मामला राशन घोटाले के आरोपी मुन्नालाल अग्रवाल और उसके भांजे राहुल अग्रवाल का है। एडवोकेट संजय बहिरानी ने बताया कि दोनों पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने 28 जनवरी को रासुका की कार्रवाई की थी, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।कोर्ट ने कलेक्टर के आदेश को नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
उल्लेखनीय है कि मसाला कारोबारी विनोद गोयल पर रासुका की कार्रवाई को भी हाईकोर्ट निरस्त कर चुका है।जेल में बंद, फिर भी रासुकामुन्नालाल और राहुल अग्रवाल पर गरीबों के हक का 3.07 करोड़ का राशन डकारने का आरोप है। दोनों के खिलाफ कलेक्टर ने 28 जनवरी को रासुका की कार्रवाई की गई। मुन्नालाल अग्रवाल 27 दिसंबर और राहुल अग्रवाल 1 जनवरी को गिरफ्तार हुआ था। हालांकि, दोनों को इस मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लेकिन रासुका की कार्रवाई के चलते दोनों जेल में हैं।ये अनदेखी पड़ रही भारीरासुका की कार्रवाई 28 जनवरी को हुई, जबकि कलेक्टर ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को चार दिन के विलंब से दी। रासुका की कार्रवाई के समय आरोपी जेल में था। ऐसे में रासुका लगाने की क्या जरुरत थी। इस संबंध में भी शासन स्पष्ट जवाब नहीं दे सकी।