ग्वालियर। जिले में आज यानी रविवार को इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर टोटल लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जिसका असर शहर भर में नजर नहीं आ रहा है। इसके पीछे कारण शनिवार शाम को क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में होली का त्यौहार देखते हुए कुछ आवश्यक सेवाओं में रियायत प्रदान की गई है।
जिससे शहरवासियों में असमंजस की स्थिति उत्पन्नन हो गई है और लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं। जिससे कारण बाजार में भी भीड़ दिखाई दे रही है और कई जगह बिना मास्क के लोग टहलते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि इस दौरान पुलिस ने वाहनों को रोककर उनके खिलाफ चालानी कार्यवाही की है। और लोगों को समझाई से दी गई है कि वह कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करें और अपने घरों से बिना वजह बाहर ना निकले।
दरअसल मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और जबलपुर शहरों की तरह ही ग्वालियर में भी कोरूणा संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है जिसे गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने शनिवार रात 10 बजे से 32 घंटे का लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है। लॉकडाउन में प्रशासन ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी दुकान और बाजारों के साथ यात्री वाहनों को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया था और लोगों को बिना वजह घर से बाहर ना निकलने की हिदायत दी थी।
लेकिन होली का त्योहार देखते हुए शनिवार शाम क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में शहर के प्रतिनिधियों के सुझावों पर गौर करते हुए लॉकडाउन में कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए कुछ सेवाओं में थोड़ी बहुत छूट दी गई थी। जिसके कारण लोग असमंजस में ही रविवार सुबह से ही घरों से होलिका दहन के सामान के अलावा मिठाई, रंग और गुलाल ब बच्चों की पिचकारी की खरीदारी करने निकलते देखे गए।
शहर की कई जगह तो बिना मास्क के ही उन लोगों की भीड़ नजर आने लगी। हालांकि इस दौरान पुलिस ने शहरी और ग्रामीण इलाकों में मुख्य चौराहों पर चेकिंग पॉइंट लगाए हुए थे। जहां पर कई वाहन सवारों के चालान किए गए हैं। लेकिन अगर देखा जाए तो प्रशासन के द्वारा लागू किया लॉकडाउन होली के त्यौहार के रंगों के आगे फीका नजर आ रहा है।