शिवपुरी :- शिवपुरी जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं मशीनों से काम कराया जा रहा है तो कहीं सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी मस्टर रोल तैयार करने में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। मनरेगा योजना के तहत होने वाले काम में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए सरकार द्वारा युक्ति निकाली गई। इसके तहत निर्माण स्थल पर हर रोज मजदूरों की हाजरी मस्टर रोल में भरी जाएगी। मजदूरी का पैसा सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजा जाएगा। इसके बाद भी शिवपुरी के खनियाधाना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली दर्जनभर ग्राम पंचायत, मुहारीखुर्द, खुरई, दिदावानी, घिलौन्द्रा, मुहारी, कफार, महरौली, पड़रा, वीरपुर, पिपरोदा आलम सहित ग्राम पंचायत महुआ में रोजगार सहायक, सरपंच व सचिव की मिली भगत से फर्जी हाजरी लगाकर मनरेगा के तहत खेत तालाब, चेक डेम स्वीकृत राशि में हेराफेरी की जा रही है।
इसकी जानकारी जिले के आला अधिकारियों को भी नहीं है। इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इन दर्जनभर से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत बन रहै खेत तालाब, चेक डैम मैं जमकर धांधली की जा रही है। इस संपूर्ण भ्रष्टाचार में प्रशासन की तमाम कोशिशों के बाद भी महात्मा गांधी रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं मशीनों से काम कराया जा रहा है तो कहीं सरपंच-सचिव द्वारा फर्जी मस्टर रोल तैयार करने की शिकायतें मिल रही हैं संपूर्ण देश में कोरोना महामारी धीरे-धीरे विक्राल रूप धारण कर रही है, और लगातार केंद्र सहित राज्य शासन मजदूरों के लिए काफी चिंतित हैं। उनका मनरेगा मजदूरी दर में वृद्धि कर दिया गया है, जिससे ग्रामीण अंचल के मजदूरों के लिए यह समय एक वरदान साबित होना चाहिए लेकिन इसमे सबसे धांधली और भ्रष्टाचार चल रहा है रोजगार देने की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजना मनरेगा में जमकर धांधली सामने आ रही ह है।
इन मनरेगा के कामों में हो रहा जमकर घोटाला
खेत तालाब निर्माण, चेक डैम निर्माण, लूज बोल्डर, निर्मल नीर निर्माण, तालाब निर्माण मे, पेयजल कूप निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार मचा हुआ है सभी कामों में अधिकांश दिन-रात मशीनों का उपयोग हो रहा है वैश्विक महामारी कोरोना के चलते उपजे रोजगार संकट से निजात पाने के लिए लॉकडाउन में भी पंचायतों के अंदर काम खोलने के निर्देश दिए गए ताकि अधिक से अधिक मजदूरों को काम दिया जा सके।
सरकार ने भले ही मशीनों का उपयोग करने पर एफआईआर की बात कही हो, परन्तु जिले भर की पंचायतों में मनरेगा के काम हो रहे हैं। मनरेगा मजदूरों के रोजगार की गारंटी की बजाय मशीनों के रोजगार की गारंटी बन चुकी है। जिस पंचायत में भी काम चल रहे हैं वहां मजदूर कम मशीनें ज्यादा लगी हुई हैं।
इन ग्राम पंचायतो में मचा मनरेगा के काम में अत्याधिक भ्रष्टाचार
पोठयाई, रिछाई, मुहारीखुर्द, खुरई,दिदावानी, घिलौन्द्रा, मुहारी, कफार, महरौली, पड़रा, वीरपुर, मानपुर पिपरोदा आलम, रही, गजोरा, वण्डा, सहित ग्राम पंचायत महुआ में रोजगार सहायक, सरपंच व सचिव की मिली भगत से फर्जी हाजरी लगाकर मनरेगा के तहत हो रहे निर्माण के लिए स्वीकृत राशि में हेराफेरी की जा रही है। इसकी जानकारी जिले के आला अधिकारियों को भी नहीं है।
इनका कहना है-
पंचायतों के नाम नोट करवा दो मैं इंजीनियर को भेज कर दिखवा लेता हूं
एच पी वर्मा जिला पंचायत सीईओ
शिवपुरी से शिवम पाण्डेय की रिपोर्ट