ग्वालियर। इंदौर और भोपाल की तरह ग्वालियर में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल तो नहीं हुई, लेकिन उन्होंने गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के प्रभारी डीन डॉ समीर गुप्ता और जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड़ को एक नोटिस भेज कर चेतावनी के साथ कहा है ,कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे भी काम बंद कर सकते हैं। उन्होंने अपने विरोध प्रदर्शन का स्वरूप तो नहीं बताया है, लेकिन उन्होंने एक तरह से चिकित्सा शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है, कि जब 7 दिन के भीतर जूनियर डॉक्टरों के साथ मीटिंग करके सरकार को उनकी समस्याओं का निराकरण के लिए कोई ठोस कार्य योजना बनाने थी। उस पर अभी 21 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
लिहाजा भोपाल और इंदौर में जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाओं को रोक दिया है। लेकिन ग्वालियर में गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा। उन्होंने काम बंद नहीं किया। लेकिन अधीक्षक और डीन को नोटिस भेजकर कहा है, कि अगले 24 घंटे में उनकी समस्याओं को लेकर कोई ठोस कार्य योजना नहीं बनी ,तो वे भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए उन्होंने ज्ञापन ,कालेज परिसर में विरोध प्रदर्शन और काली पट्टी बांधने जैसा तरीका अपनाने का कहा है लेकिन उन्होंने खुलकर अपनी रणनीति को साफ नहीं किया है।
गौरतलब है ,कि जूनियर डॉक्टर अपनी सुरक्षा, कोविड-19 में तैनाती के कारण स्टाइपेंड बढ़ाने, कोविड-19मे कार्यरत जूनियर डॉक्टरों के बीमार होने पर 10 फ़ीसदी पलंग आरक्षित करने और स्पेशलाइजेशन वाले विषय में पिछले 1 साल से कोई पढ़ाई नहीं होने पर उसकी ट्यूशन फीस माफ करने जैसी कई मांगों पर अड़े हैं। जूनियर डॉक्टर अधीक्षक धाकड़ से मिलने के लिए उनके कार्यालय के बाहर करीब 1 घंटे तक इंतजार करते रहे। लेकिन अधीक्षक वहां नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि ग्वालियर में कोरोना संक्रमण के कारण रोजाना दर्जनों मरीजों की मौत हो रही है। ऐसे में डॉक्टरों को छिटपुट घटनाओं के मद्देनजर अपना काम बंद नहीं करना चाहिए नहीं तो इन मौतों का आंकड़ा कहीं ज्यादा हो सकता है ।