ग्वालियर। शहर में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से इंसान ही नहीं बेजुबान जानवर भी परेशान हैं। जानवरों की परेशानी को देखते हुए ग्वालियर के चिड़ियाघर प्रबंधन ने उनके लिए विशेष इंतजामात किए हैं। इनमें कूलर, लकडी घास से बनी टटिया और स्प्रिंग्लर शामिल हैं। गर्मी का सबसे ज्यादा असर बडे जानवर शेर जैसी प्रजातियो पर होता है। इसलिए वहां कूलर लगाने के साथ ही पानी के बेहतर इंतजाम किये गए है। तो वही कोरोना संक्रमण काल में पशु पक्षियों को बचाने के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए। हालांकि चिड़ियाघर पिछले 1 साल से ज्यादा समय से कोरोना संक्रमण के कारण सैलानियों के लिए बंद किया गया है।
चिड़ियाघर में बड़े छोटे मिलाकर 500 पशु पक्षी…
दरअसल ग्वालियर में बढ़ती गर्मी से गांधी प्राणी उद्यान के जानवरों को राहत दिलाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने सभी बड़े जानवरों व पक्षियों को इस भीषण गर्मी में ठंडक पहुंचाने के उपाय शुरू कर दिए है। चिड़ियाघर में तकरीबन 500 पशु पक्षी है। जिनको इस भीषण गर्मी के प्रभाव बचाने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने खुले मे घूमने वाले जानवरो के लिये गर्मी से बचाव को लेकर पानी के स्प्रिंगलर लगाए गए हैं। जिसकी फूहारो से जानवर अपने आप को ठंडा करते हैं। तो वहीं कई पिंजरों में कूलरो की व्यवस्था की गई है। मोर ,तोते प्रजाति के पंछियों के लिए भी उनके पिंजरो के बाहर लकड़ी की टटिया लगाई गई है। जिन्हे समय समय पर पानी से गीला किया जाता है जिससे पंछियों को भी ऐसी भीषण गर्मी में राहत मिल सके।
कोरोना के कारण पिछले 1 साल से बंद है चिड़ियाघर…
हालांकि चिड़ियाघर प्रबंधन का कहना है,कि मांसाहारी जानवरों को छोड़कर बाकी की डाइट में ऐसे फल व सब्जियों को शामिल किया गया है, जिनमे पानी की मात्रा ज्यादा होती है। लेकिन फिर भी जानवरों को भीषण गर्मी से बचाने के पर्याप्त उपाय किए जा रहे हैं। तो वही कोरोना संक्रमण को देखते हुए चिड़ियाघर में काम करने वाले कर्मचारियों पर भी निगाह रखी जा रही है कि अगर किसी भी कर्मचारी की तबीयत खराब होने की खबर लगने पर उसे चिड़ियाघर में एंट्री नहीं दी जाती। ताकि संक्रमण पशु पक्षी तक नहीं पहुंच सके। कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल पिछले 1 साल से ज्यादा समय से चिड़ियाघर सैलानियों के लिए बंद है और अभी तक किसी भी तरह का संक्रमण चिड़ियाघर में नहीं देखा गया है