अरब सागर में बन रहा चक्रवाती तूफान टाक्टे अवदाब के क्षेत्र से अब चक्रवात के रूप में बदल गया है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक इस सिस्टम के लगभग 24 घंटे समुद्र में रहकर काफी ऊर्जा जुटाने के बाद इस उत्तर, उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। 16 मई काे इसके गुजरात के तट पर टकराने के आसार दिख रहे हैं। इसके प्रभाव से शनिवार से राजधानी सहित मध्य प्रदेश के कई जिलाें में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हाे सकता है। 18-19 मई काे पूरे मध्य प्रदेश में तेज हवाएं चलने के साथ बरसात हाे सकती है।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार काे हवा का रूख दक्षिणी बना रहा। हवा के साथ नमी आने के कारण राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश जिलाें में बादल छाए रहे। इससे अधिकतम तापमान लगभग स्थिर बना रहा। राजधानी का अधिकतम तापमान 40.8 डिग्रीसेल्सियस दर्ज किया गया। जाे कि सामान्य रहा। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में पाकिस्तान पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से उत्तरप्रदेश तक एक द्राेणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। विदर्भ पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। साथ ही अरब सागर में उठ रहे तूफान के कारण मची हलचल से वातावरण में लगातार मिल रही नमी से शनिवार से राजधानी सहित ग्वालियर, चंबल, संभाग के जिलाें में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश होने के आसार हैं।।
कृषि विशेषज्ञ एवं रिटायर्ड कृषि संचालक डाॅ. जीएस कौशल ने बताया कि वर्तमान में आम की फसल काफी अच्छी आई है। मूंग की फसल भी बेहतर स्थिति में है। तेज हवाएं चलने और बारिश हाेने से इन दाेनाें फसलाें काे काफी नुकसान पहुंचेगा। दरअसल मूंग दलहन की फसल है। यह कम पानी वाली फसल है। यदि पानी अधिक बरसा ताे इस फसल काे नुकसान पहुंचने की आशंका है। साथ ही उपार्जन केंद्राें में खुले में रखा गेहूं भी पूरी तरह खराब हाे जाएगा। सरकार काे उसके भंडारण की तुरंत व्यवस्था करना चाहिए।