जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदमों का असर दिखने लगा है, लेकिन संक्रमण की स्थिति एवं मृत्यु दर अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। गहलोत ने कहा, ‘‘ऐसे में हमें लॉकडाउन का और अधिक सख्ती से अनुपालन करने के साथ ही सामाजिक व्यवहार में संयम और अनुशासन को लगातार बरकरार रखना होगा। तभी हम कोविड-19 के खतरे को कम कर पाएंगे।’’ बता दें कि राजस्थान में इसके पहले 21 मई तक के लए लॉकडाउन बढ़ाया गया था अब फिर से 22 मई से 21 जून यानि कि एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।
गहलोत शुक्रवार देर रात कोविड संक्रमण, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संकट की इस घड़ी में लोगों का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास सुनिश्चित किए हैं, लेकिन शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी संक्रमण का काफी प्रसार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा वर्ग, गर्भवती महिलाएं और बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदेशभर में चिकित्सा सुविधाओं को और मजबूत बनाना है।मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए योजनाबद्ध रूप से काम आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पहली और दूसरी लहर के अनुभव के आधार पर तीसरी लहर के लिए पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित की जाएं।
गहलोत ने कहा कि ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी के मामले सामने आना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इसके उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रहे और लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाए।मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बताया कि मेडिकल आक्सीजन का बफर स्टाक तैयार कर लिया गया है, साथ ही, स्थानीय स्तर पर भी आक्सीजन का उत्पादन बढ़ा है।उन्होंने बताया कि पहली और दूसरी लहर के अनुभवों से सबक लेते हुए तीसरी लहर के लिए योजना बनाई जा रही है।