जबलपुर । 26 मई को इस साल का पहला चंद्रग्रहण पड़ेगा। उपछाया होने के कारण ये भारत में नहीं दिखेगा और भारत में इसका सूतक भी नहीं माना जाएगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:12 बजे शुरू होगा और शाम 7:29 बजे खत्म होगा। ये ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, आस्ट्रेलिया, अलास्का, कनाडा, ओशिनिया और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा। ज्योतिष अनुसार ग्रहण का असर सभी राशियों पर कुछ न कुछ पड़ता है। पांच राशियों पर इस ग्रहण का शुभ प्रभाव पड़ेगा। जिसमें मेष, वृष, मिथुन, कन्या और मकर राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ फलदायी रहेगा।
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपछाया ग्रहण भी होता है। चंद्रमा जब पृथ्वी की वास्तविक छाया में नहीं आता है और उसकी उपछाया से ही बाहर निकल जाता है, ऐसे ग्रहण को उपछाया ग्रहण कहते हैं। उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है। इस ग्रहण में चंद्रमा के रंग और आकार में भी कोई बदलाव नहीं होता है। हालांकि इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है। बता दें कि कोई भी चंद्रग्रहण जब भी आरंभ होता है तो ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है, जिससे उसकी छवि कुछ मंद पड़ जाती है तथा चंद्रमा का प्रभाव मलीन पड़ जाता है। जिसे उपछाया कहते हैं। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक कक्षा में प्रवेश नहीं करेंगे अतः इसे ग्रहण नहीं कहा जाएगा।
2021 में इतने ग्रहण दिखेंगे : कंकणाकृती सूर्यग्रहण 10 जून को भारत में दृश्य नहीं होगा। खंडग्रास चंद्रग्रहण 19 नवंबर को भारत में अल्प समय के लिए दिखेगा फिर खंडग्रास सूर्यग्रहण 4 दिसंबर को यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा।
यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतक भी नहीं माना जाएगा। यह इस साल का पहला चंद्रग्रहण है। – पंडित सौरभ दुबे, ज्योतिषाचार्य