ग्वालियर। करीब 5 साल पहले चाइना बेस्ड इको ग्रीन कंपनी शहर से अचानक गायब हो गई है। नगर निगम से अनुबंध के आधार पर यह कंपनी कचरा कलेक्शन का काम करती थी। लेकिन इस कंपनी के रातो रात गायब होने से उन फर्मों के करीब सवा करोड़ के पेमेंट अटक गए हैं। जिन्होंने इको ग्रीन कंपनी को अनुबंध पर गाड़ियां ,उनका मेंटेनेंस एवं पेट्रोल-डीजल सहित अन्य स्पेयर पार्ट्स उपलब्ध कराए थे। विश्वविद्यालय थाने में एक फर्म के फरियादी आशीष जादौन की शिकायत पर इको ग्रीन कंपनी के कारिंदो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
कंपनी 1.20 करोड़ लेकर गायब…
ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के शारदा विहार इलाके में डॉ आर के सेंगर के मकान में इको ग्रीन कंपनी ने अपना दफ्तर खोला था। कंपनी ने एक सैकड़ा से ज्यादा लोडिंग गाड़ियां अनुबंध पर ली थी।जिन से कचरा कलेक्शन का काम करवाया जाता था। इस दौरान कंपनी ने अपने स्थानीय संपर्कों के जरिए पेट्रोल डीजल से लेकर गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स और अनुबंधित गाड़ियों को किसी तरह से निजी फर्मों से हासिल कर लिया था। कुछ समय तक यह कंपनी फर्मो का समय से भुगतान करती रही। लेकिन नगर निगम से दिसंबर 2020 में हुए भुगतान के विवाद के बाद कंपनी ने शहर को छोड़ने का मन बना लिया था। इसी के तहत यह कंपनी ग्वालियर से रात रात गायब हो गई है। जिन लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। उनमें संजय और उनके दो अन्य सहयोगी शामिल है। यह लोग मैनेजर ,अकाउंटेंट और लिपिक के पद पर कार्यरत थे।
धूमधाम से की थी कंपनी की शुरुआत…
करीब 5 साल पहले पूर्व मंत्री माया सिंह ने नगर निगम से इको ग्रीन कंपनी से अनुबंध के बाद स्थानीय व्यापार मेला परिसर में एक भव्य समारोह में कचरा कलेक्शन के कार्य का शुभारंभ किया था। इस कंपनी को ग्वालियर में कचरे से बिजली पैदा करने सहित अन्य कार्यों में ढाई सौ करोड़ का निवेश करना था। पता चला है ,कि इको ग्रीन कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनी है और देश की 15 नगर निगमों के साथ इसका अनुबंध है। इसमें एक ग्वालियर की नगर निगम भी थी।