भाेपाल। मध्यप्रदेश और आसपास बने वेदर सिस्टम के कारण कुछ जिलाें में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हाे गया है। इसी क्रम में शनिवार शाम काे राजधानी में हवाएं चलने के साथ अलग-अलग स्थानाें पर तेज बौछारें पड़ीं। भाेपाल शहर में 12.3 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे वातावरण में ठंडक घुल गई। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक अभी दाे-तीन दिन तक दाेपहर के बाद इस तरह की स्थिति बनी रहेगी। हालांकि इस दौरान अधिकतम तापमान में अधिक गिरावट के आसार नहीं हैं।
शनिवाार काे सुबह से ही बादल छाने लगे थे। इससे तापमान अपेक्षाकृत नहीं बढ़ सका। शाम के समय बादल घने हाेने लगे थे। साथ ही लगभग 50 किलाेमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने लगी। गरज-चमक के साथ शहर के अलग-अलग स्थानाें पर तेज बौछारें पड़ने लगी। हालांकि बारिश का यह सिलसिला कुछ देर ही चला। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पूर्व मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है।
इस चक्रवात से लेकर तमिलनाड़ तक एक द्राेणिका लाइन बनी हुई है। उत्तर-पूर्वी उत्तरप्रदेश पर भी एक चक्रवात बना हुआ है। उस चक्रवात से भी एक द्राेणिका लाइन (ट्रफ) पूर्वी मप्र से हाेकर विदर्भ तक जा रही है। उधर अरब सागर से भी नमी आने का सिलसिला जारी है। इस वजह से रविवार-साेमवार काे भी भाेपाल, हाेशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर संभाग के जिलाें में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। उधर वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ रही है। वहां से गर्म हवाएं आने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट नहीं हाे रही है। शुक्ला के मुताबिक अभी दाे दिन तक ग्वालियर, चंबल, रीवा संभाग के जिलाें में अधिकतम तापमान में और बढ़ाेतरी हाेने की संभावना है।