भोपाल | मध्यप्रदेश पर वर्तमान में एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त अरब सागर से लेकर मध्य महाराष्ट्र तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। इस वजह से अरब सागर से लगातार आद्रता आ रही है। इसके चलते प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर गरज चमक के साथ बरसात के हालात बन रहे हैं।
इसी क्रम में मंगलवार को सतना में 20, सागर में 14, इंदौर, गुना में चार, अशोकनगर में एक मिलीमीटर बरसात हुई। नौतपा के आठवें दिन प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रायसेन और नौगांव में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों ने आज भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और जबलपुर संभाग के जिलों में तेज बौछारें पड़ने की संभावना जताई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मप्र पर बने ऊपरी हवा के चक्रवात और अरब सागर से महाराष्ट्र तक एक ट्रफ बना हुआ है। इसके साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ भी हिमालय क्षेत्र में सक्रिय है। इन तीन वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने के कारण मप्र में हवाओं के साथ लगातार नमी आ रही है। इससे गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ी रही हैं। इसी क्रम में बुधवार को पश्चिमी मप्र में तेज बौछारें पड़ने के आसार हैं। विशेषकर भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, होशंगाबाद और जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं झमाझम बारिश भी हो सकती है। इससे अधिकतम तापमान में गिरावट भी होगी।