ग्वालियर। पिछले 5 दिनों से चली आ रही डॉक्टरों की हड़ताल को हाई कोर्ट पहले ही असंवैधानिक बता चुका है। लेकिन जूनियर डॉक्टर मानने को तैयार नहीं है। लिहाजा आज गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में संभागायुक्त और जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जूनियर डॉक्टरों को समझाइस देने की कोशिश की है। ताकि वे सुचारू रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में जुड़ सकें। इस दौरान जीआरएमसी के डीन ने 330 जूनियर डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे देने पर तल्ख लहजे में कहा ,कि या तो काम पर लौटे या फिर जूनियर डॉक्टर चाहे तो अपनी पीजी की सीट छोड़ सकते हैं।
गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में करीब 1 घंटे तक चली बैठक में संभाग आयुक्त आशीष सक्सेना, जीआरएमसी दिन समीर गुप्ता ,जेएएच अधीक्षक आरकेएस धाकड़ और हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर मौजूद थे। इस दौरान संभागीय आयुक्त और जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जूनियर डॉक्टरों को हाईकोर्ट के ऑर्डर की कॉपी दिखाकर समझाने की कोशिश की ,कि वह कोरोना महामारी में वापस अपने काम पर लौटे और हड़ताल को समाप्त करें।
इस दौरान मेडिकल कॉलेज के डीन समीर गुप्ता ने 330 जूनियर डॉक्टर्स के सामूहिक इस्तीफे देने पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहां ,कि जब जूनियर डॉक्टर नौकरी ही नहीं कर रहे ,तो उनका इस्तीफा कोई मायने नहीं रखता है। अगर उन्हें काम नहीं करना है, तो जूनियर डॉक्टरों को पीजी की सीट छोड़ने का अधिकार है। अगर वह चाहे तो सीट छोड़ सकते हैं। हालांकि प्रदेश सरकार से जूनियर डॉक्टर के एक डेलिगेशन की आज बैठक भोपाल में होने जा रही है। जिसके बाद हड़ताल को लेकर जूनियर डॉक्टरों की सारी स्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी। जब तक जूनियर डॉक्टर्स अभी भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। लेकिन ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं,कि सरकार और प्रशासन के सख्त रुख के चलते जल्द ही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल समाप्त हो सकती है।