भोपाल। बंगाल की हिंसा से अब मध्यप्रदेश की सियासत में भी गर्माहट आ गई है… बंगाल में कार्यकर्ताओं की मौत से नाराज बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने धरना दिया तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी के धरना पर सवाल उठाए और बीजेपी से सवाल पूछ डाला की मध्यप्रदेश में कोरोना से हो रही मौतों को लेकर वो कब धरने पर बैठेंगे?
बीजेपी दफ्तर में बैठे तमाम दिग्गज नेताओं का विरोध करीब एक हजार किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल में पार्टी नेताओं की हो रही हत्याओं को लेकर हैं…धरने में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया और हर मंडल स्तर पर इस तरह का प्रदर्शन भी किया गया….दरअसल पश्चिम बंगाल में टीएमसी की बंपर जीत के बाद से ही पश्चिम बंगाल में न सिर्फ बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं बल्कि बीजेपी दफ्तरो को भी निशाना बनाया जा रहा है….रविवार के बाद हुई हिंसा में अभी तक करीब 9 बीजपी कार्यकर्ताओ की मौत हो चुकी है…खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया किया कि टीएमसी को जनता ने अपना रक्षक चुना लेकिन इस पार्टी के कार्यकर्ता जनता के भक्षक बने हुए हैं और सिर्फ दो दिन में लोकतंत्र को खंडित कर दिया! दीदी को यह याद रखना चाहिये कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। परिस्थितियों को बदलते देर नहीं लगती है, अंतत: दण्ड भोगना ही पड़ता है
कार्यकर्ताओं की मौत को लेकर बीजेपी नेताओं में काफी आक्रोश है जो धरने में देखने को भी मिला। प्रदेशाध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा बंगाल में जो सरकार बनी वो नक्सलवाद की सरकार है, परिणाम आते ही व्हील चेयर गायब हो गई हिंसा शुरु हो गई, ऐसा ममता के इशारे पर हो रहा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले बंगाल में हिंसा और तांडव टीएमसी जैसे दलों की सोच है,आज कार्यालय जले है कल घर जलेंगे।
दूसरी तरफ बीजपी के धरने को कांग्रेस ने कोरोना काल से जोड़ दिया है ….पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि ”कोरोना महामारी में भी भाजपा कर रही राजनीति ? देश में, प्रदेश में इलाज के अभाव में, बेड, ऑक्सीजनजीवनरक्षक दवाइयों व इंजेक्शन के अभाव में रोज़ लोगों की जान जा रही है, सैकडों लोग रोज़ दम तोड़ रहे है, मुक्तिधाम- कब्रस्तान शवों से भरे पड़े हुए है, हज़ारों लोग अभी तक मौत के मुँह में समा चुके है लेकिन भाजपा को उनकी चिंता नहीं, कभी दो आंसू उनके लिये नहीं बहाये, कभी उनके लिये धरने पर नहीं बैठे ?,। जाहिर तौर पर कांग्रेस कोरोना संक्रमण के कारण हो रही मौत के साथ साथ इंजेक्शन, ऑक्सीजन बेड की कमी को सुर्खियों में रखना चाहती हैपश्चिम बंगाल चुनाव बीजेपी और टीएमसी दोनों के लिए ही काफी अहम थे, बीजेपी लगातार 200 सीटें जीतने का दावा कर रही थी लेकिन परिणाम इसके उलट आए….इसके बाद से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा का सिलसिला शुरु हुआ है….बीजेपी यदि अपने कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगा रही है तो टीएमसी का दावा है कि उसके सात कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है और प्रदेश में हिंसा फैलाकर बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाना चाहती है।