इंदौर। बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को लगातार झटके पर झटका दे रही है। भारी-भरकम बिल से हर आदमी परेशान है। योजनाएं सिर्फ कागजों पर हैं। इनका कोई फायदा उपभोक्ता को नहीं मिल रहा। भारी भरकम बिजली बिलों को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर जनहित याचिका में गुरुवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि लाकडाउन में घोषणाओं के बावजूद उपभोक्ता को राहत नहीं मिली। वे इस संबंध में कुछ अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करना चाहते हैं। कोर्ट ने इसकी अनुमति देते हुए दो सप्ताह का समय दे दिया।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका डा.अब्दुल रशीद पटेल की ओर से एडवोकेट अभिनव धनोतकर ने दायर की है। याचिका में कहा है कि केंद्र की कई योजनाएं थी जिनके तहत 2017- 2018-2019 में उपभोक्ताओं को राहत दी गई। इसके अलावा कोरोनाकाल में भी उपभोक्ता को राहत देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई। बावजूद इसके उपभोक्ताओं से भारी-भरकम बिजली बिल वसूले जा रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि उपभोक्ताओं को राहत देते हुए उन सभी योजनाओं का लाभ दिलवाया जाए जिनकी घोषणा की गई है। उपभोक्ताओं को भारी भरकम बिल किश्तों में जमा करने की सहूलियत दी जाए। बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली तुरंत बंद न की जाए।