ग्वालियर बैलिदान मेला 2021। रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस इस साल भी कोरोना संक्रमण के कारण सादगी व पूरी गरिमा के साथ मनाया जाएगा। 17 जून को बुंदेली युवा लक्ष्मीबाई की कर्मस्थली से पवित्र ज्योति लेकर आएंगे। ज्योति को पूरे सम्मान के साथ बलिदान स्थल पर स्थापित किया जाएगा। इसी दिन शाम को शहर के 51 चौराहों व तिराहों पर शहीदों के नाम दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। 18 जून की सुबह बलिदान मेला के सूत्रधार पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया 20 गणमान्य नागरिकों के साथ दो घंटे रानी लक्ष्मीबाई को श्रद्घांजलि अर्पित करने के लिए बैठेंगे। पवैया ने बताया कि बलिदान मेले में कोविड गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा।
बलिदान मेला के संस्थापक अध्यक्ष जयभान सिंह पवैया, भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी, डा.हरिमोहन पुरोहित व पप्पू वर्मा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2000 में बलिदान मेला की परंपरा को शुरू किया था। कोरोना संक्रमण के कारण इस साल भी प्रत्यक्ष महा नाट्य व कवि सम्मेलन का आयोजन नहीं किया जाएगा, क्योंकि दोनों आयोजनों में हजारों लोग आते हैं। कोरोना के कारण हजारों लोगों का जीवन संकट में पड़ सकता है। इसलिए प्रत्यक्ष रूप से दोनों आयोजनों को इस बार स्थगित किया गया है।
यह कार्यक्रम होंगेः
-17 जून को शाम 7:30 बजे पवित्र ज्योति झांसी से आएगी। पड़ाव चौराहे पर जयभान सिंह पवैया सहित 21 लोग पवित्र ज्योति की आगवानी कर बलिदान स्थल पर ससम्मान स्थापित करेंगे। मातृ शक्ति पुष्पवर्षा करेगी।
-17 जून को ही रात साढ़े सात बजे से पौने आठ बजे के बीच 51 चौराहों व तिराहों पर एक साथ रानी के चित्र के समक्ष 21-21 दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे और राष्ट्रीय गायन होगा।
-18 जून की सुबह 8 बजे जयभान सिंह पवैया रानी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद 20 गणमान्य नागरिकों के साथ दो घंटे बलिदान स्थली के सामने प्रांगण में बैठेंगे। कोरोना योद्घा के रूप में पांच मातृ शक्ति का सम्मान किया जाएगा।
-18 जून की रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ बजे तक वर्चुअल कवि सम्मेलन होगा। इसमें कवि विनीत चौहान व शशिकांत यादव कविता पाठ करेंगे।