ग्वालियर: हमारा सरकारी सिस्टम कितना लचर है इसकी बानगी एक बार फिर ग्वालियर में देखने को मिली। जानकर हैरानी होगी कि लंबे समय से कई अस्पताल सिर्फ कागजों में चल रहे थे, लेकिन किसी को भी भनक नहीं लगी। खुलासा तब हुआ जब कोरोनाकाल में अस्पताल खोजे जाने लगे, तो पता चला कि कागजों में तो ये अस्पताल चलते रहे, लेकिन हकीकत में कुछ नहीं था।
ग्वालियर-चंबल में 123 नसिंग कॉलेजों ने अपने अस्पतालों में 12 हजार 300 बिस्तर बताए थे, लेकिन कोरोना की त्रासदी में अधिकतर धोखा दे गए। अब खुद कलेक्टर ने ऐसे नर्सिंग कॉलेज की लिस्ट बनाकर मान्यता रद्द करवाने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिला प्रशासन इस बात से भी हैरान है कि बिना अस्पताल के आखिर मान्यता कैसे मिल गई?