ग्वालियर। कोरोना से रिकवरी का सबसे गोल्डन पीरियड होता है, पहले पांच दिन। अगर इस समय सही ट्रीटमेंट मिल जाता है तो शत प्रतिशत मरीज रिकवर हो जाते हैं। इससे ज्यादा दिन होने पर हर दिन रिकवरी की उम्मीद कम होती जाती है। खासकर जो 10 दिन के अंदर ट्रीटमेंट नहीं लेते उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो सकती है। अप्रैल से 31 मई के बीच देश में 1।6 करोड़ कोविड-19 केस सामने आए। इसके साथ ही ब्लैक फंगस के केस भी कोरोना पेशेंट्स में देखने को मिले, लेकिन वो टोटल केस से काफी कम थे। ऐसे में यह गलतफहमी न रखें कि हर पेशेंट को ब्लैक फंगस होना ही है। डर से ज्यादा सावधानी पर फोकस करें और वैक्सीनेशन जरूर करवाएं।
मास्क लगाने के साथ-साथ शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें। यह कहना था कार्डियोलाजिस्ट एंड मेडिसिन एक्सपर्ट डा. दीपांकर लहारिया का। वे आईटीएम यूनिवर्सिटी ग्वालियर के दूसरे इंडस्टि्यल एक्सपर्ट लेक्चर में शामिल सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपना संबोधन कोविड 19: एक्सपीरियंस ऑफ ए कोरोना वॉरियर विषय पर दिया। इस मौके पर डीन स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी डा. रंजीत सिंह तोमर और डा. मुकेश कुमार पांडे आदि उपस्थित थे।
विद्यार्थियाें ने की वाट सोलर सिस्टम ग्रिड की विजिट विक्रांत ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के इलेक्ट्रोनिक्स एंड इलेक्ट्रीकल इंजीनिरिंग विभाग ने शुक्रवार को बीटेक, एमटेक और डिप्लोमा के विद्यार्थियों को शहर के सर्राफ हास्पिटल लग में रहे 50 किलो वाट के सोलर सिस्टम ग्रिड की वर्चुअल विजिट की। इसमें सोलर सिस्टम पैनल के ट्रेनर रवि कुशवाह एवं राहुल कुशवाह ने विद्यार्थियों को पूरे सिस्टम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ग्रिड का भ्रमण कराते हुए सोलर एनर्जी, सोलर एनर्जी जनरेशन, इंस्टालेशन से जुड़ी जानकारी दी। उन्होंने कहा सोलर सिस्टम के माध्यम से घर एवं उद्योगों में किफायत के साथ बिजली तैयार की जाती है।इस दौरान संस्थान चेयरमैन आरएस राठौर, सचिव विक्रांत सिंह राठौर, डायरेक्टर डा. संजय सिंह कुशवाह और प्राचार्य प्रो. आनंद बिसेन आदि उपस्थित थे।