इंदौर : महामारी के कारण कई कोर्सेस की प्रवेश प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। ज्वाइंट एंट्रेंस एक्जामिनेशन (जेईई) मेन के परिणाम के आधार पर इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश मिलता है लेकिन इस बार से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दो की बजाय साल में चार बार जेईई कराने का निर्णय लिया था। महामारी के कारण अब तक दो ही जेईई मेन परीक्षा हो पाई। ऐसे में अब नया सत्र पास में आ गया है और अब कई विद्यार्थी इस बात से चिंतित हो रहे हैं कि अब कालेज में प्रवेश किस आधार पर मिलेगा।
जानकारों का कहना है कि प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए अब पहले हो चुकी दोनों जेईई मेन परिणाम में से किसी एक परिणाम के अंक को आधार मानकर प्रवेश देना होगा। इसके बाद बची हुई सीटों पर 12वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश मिलेगा। अधिकारियों का कहना है कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत हो सकती है। इसके पहले नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से डायरेक्टोरेट आफ टेक्निकल एजुकेशन को मध्यप्रदेश के विद्यार्थियों की मेरिट लिस्ट मंगानी होगी।
ज्ञात हो कि प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों में बीई कोर्स की करीब 35 हजार सीटें हैं। पिछली बार इसमें से करीब दस हजार सीटें खाली रह गई थी। इस बार भी डर बना हुआ है कि अगर मध्यप्रदेश में प्रवेश प्रक्रिया लेट शुरू हुई तो कई विद्यार्थी बाहर के राज्यों में जा सकते हैं। इससे पहले से खराब स्थिति में चल रहे प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों की स्थिति और खराब हो सकती है।