भोपाल। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम मौजूद नहीं हैं। झारखंड पर बना ऊपरी हवा का चक्रवात भी कमजोर पड़ने लगा है। इसके अलावा मानसून ट्रफ भी हिमालय की तराई की तरफ खिसक रहा है। इस वजह से मध्यप्रदेश में तेज बौछारें पड़ने के आसार कम हो रहे हैं। वातावरण में नमी कम होने से अब अधिकतम तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगेगी। उधर, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मंडला में 10, शाजापुर और मलाजखंड में तीन, इंदौर में 2.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि झारखंड पर बने ऊपरी हवा के चक्रवात के कारण पिछले तीन-चार दिन से पूर्वी मप्र सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ रही थीं। यह सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगा है।
इसके प्रभाव से जबलपुर, रीवा, शहडोल संभाग के जिलों में अभी एक-दो दिन और बरसात हो सकती है। इसके बाद पूरे प्रदेश में बरसात की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। मानसून ट्रफ भी हिमालय की तराई की तरफ जा रहा है। इससे वातावरण में नमी कम होने से आसमान साफ होगा। धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी। हालांकि तापमान अधिक बढ़ने की स्थिति में कहीं-कहीं दोपहर बाद गरज-चमक के साथ कुछ बौछारें पड़ने की संभावना भी बनी रहेगी।