इंदौर : भारत को मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एशिया का सबसे लंबा हाई-स्पीड ट्रैक मिल गया। भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इंदौर के पीथमपुर में एशिया के सबसे लंबे हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक (NATRAX ) का उद्घाटन किया। नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (NATRAX) की लंबाई 11.3 किमी है। अंडाकार आकार का यह नया हाई-स्पीड टेस्ट चार फ्री लेन के साथ 16 मीटर चौड़ा है। यह ट्रैक एशिया का सबसे लंबा और दुनिया का 5वां सबसे बड़ा ट्रैक है।
ट्रैक का उद्घाटन करते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत मिशन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रेलवे, राजमार्ग और जलमार्ग की जो परियोजनाएं वर्षों से अधर में लटकी हुई थी, आज वो मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पूरी हो रही हैं। NATRAX को 1,000 एकड़ भूमि के क्षेत्र में विकसित किया गया है। इसको लेकर कहा जा रहा है कि दो पहिया वाहनों से लेकर भारी ट्रैक्टर-ट्रेलरों तक सभी प्रकार के वाहनों की गति के टेस्ट के लिए इस ट्रैक का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि गाड़ियों को लेकर होने वाले सभी प्रकार के टेस्ट इस ट्रैक पर किये जा सकेंगे। वहीं प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह एक वर्ल्ड क्लास प्रोविंग ग्राउंड है जिसमें ऑटोमोटिव और कंपोनेंट टेस्टिंग के लिए दूसरे टेस्ट ट्रैक शामिल हैं। नई फैसिलिटी यह सुनिश्चित करेगी कि भारत में ही वाहनों का टेस्ट और मूल्यांकन किया जा सके। अब वाहनों की टेस्टिंग के लिए उन्हें विदेश भेजने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले वाहनों की भी यहां टेस्टिंग की जा सकेगी। इस ट्रैक पर 250 किमी की सामान्य स्पीड के साथ किसी भी वाहन को चलाया जा सकता है। वहीं मोड़ पर अधिकतम स्पीट 375 किमी प्रति घंटा रखनी होगी जबकि सीधे ट्रैक पर अधिकतम गति की कोई सीमा नहीं रखी गयी है। जीरो प्रतिशत लॉन्गीट्यूडनल स्लोप इस ट्रैक को वाहनों के प्रदर्शन के सटीक माप के लिए ओपन टेस्ट लैब बनाता है।
NATRAX हाई-स्पीड टेस्ट ट्रैक सभी प्रकार के वाहनों के टेस्ट के लिए खोला गया है। यहां प्रोडक्ट लॉन्च, सुपरकार रेसिंग और डीलर इवेंट जैसे कॉमर्शियल इवेंट्स के लिए भी फैसिलिटी दी जाएगी। इस ट्रैक को लेकर फॉक्सवैगन, रिनॉल्ट, लेंबोर्गिनी सहित कई कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इस ट्रैक का उपयोग बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज, ऑडी, फेरारी, लेम्बोर्गिनी, टेस्ला जैसी हाई-एंड कारों की स्पीट को मापने के लिए किया जा सकेगा, जिन्हें अभी तक भारत में किसी भी टेस्ट ट्रैक पर नहीं मापा जा सकता है। दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा होने के नाते इस ट्रैक पर हर प्रकार के वाहनों की गति टेस्ट की जा सकती है।