भोपाल । मानसून के शिथिल होने से वातावरण से नमी कम होने लगी है। आसमान साफ रहने से अधिकतम तापमान में इजाफा हो रहा है। तीखी धूप और उमस ने बेचैनी बढ़ा दी है। इसी क्रम में मंगलवार को ग्वालियर का अधिकतम तापमान 41.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस रहा। ग्वालियर लू की चपेट में रहा।
इधर राजधानी में सात साल में जुलाई माह में मंगलवार सबसे गर्म दिनों में शुमार रहा। हालांकि मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार से वर्षा की गतिविधियों में तेजी आएगी। साथ ही दो दिन बाद शिथिल पड़े मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में आठ, सागर, छिंदवाड़ा में एक मिमी बरसात हुई। उज्जैन, शाजापुर में बूंदाबांदी हुई।
भोपाल का अधिकतम तापमान 37.5 डिग्रीसे. दर्ज किया गया। यह सामान्य से पांच डिग्रीसे. अधिक रहा। न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्रीसे. रिकार्ड हुआ। जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सिय अधिक रहा। मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि वर्तमान में अरब सागर और उससे लगे गुजरात पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके प्रभाव से नमी आ रही है। इस वजह से बुधवार को जबलपुर, भोपाल, शहडोल, होशंगाबाद, उज्जैन, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बौछारें पड़ने की संभावना है। गुरुवार से वर्षा की गतिविधियों में और तेजी आने के भी आसार है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि गुरुवार को बंगाल की खाड़ी में उत्तरी आंध्र और दक्षिणी ओडिशा तट के बीच हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बनने जा रहा है। इस सिस्टम के 11 जुलाई को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने की संभावना है। इसके प्रभाव से जहां मानसून आगे बढ़ने लगेगा। वहीं मप्र में अनेक स्थानों पर तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू होने की भी संभावना है।