जबलपुर : मध्य प्रदेश में अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे नर्सों को जबलपुर हाईकोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है. नर्सों की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए नर्सिंग एसोसिएशन (Nursing Association) की हड़ताल को अवैध घोषित किया है. अदालत ने सभी नर्सों को 24 घंटे के अंदर काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने नर्सों की मांगों को लेकर भी सरकार को अहम आदेश देते हुए कहा है कि सरकार एक हाई पावर कमेटी को गठित करे, जो 1 माह के अंदर नर्सिंग एसोसिएशन की तमाम मांगों पर विचार करके फैसला ले. इस हाई पावर कमेटी में डायरेक्टर हेल्थ और वित्त सचिव समेत चार सदस्य शामिल होंगे.
गौरतलब है कि अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर की नर्सें हड़ताल पर थीं. इस दौरान नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से नर्सों की हड़ताल को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई और मांग की गई की नर्सों की हड़ताल को तत्काल रोका जाए. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से और नर्सिंग एसोसिएशन से जवाब मांगा था.
आज सुनवाई के दौरान नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से भी अपनी बात हाईकोर्ट के सामने रखी गई, लेकिन अदालत ने हड़ताल को अवैध बताया. क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसके तहत नर्सों और डॉक्टरों की सेवाओं को अत्यावश्यक बताया गया है. इसका हवाला देते हुए ही हड़ताल को अवैध करार दिया गया.