भोपाल। Madhya Pradesh Board of Secondary Education के विशेषज्ञों ने उस प्रॉब्लम का सॉल्यूशन खोज निकाला है जिसके कारण बारहवीं हायर सेकेंडरी स्कूल का रिजल्ट अटक गया था। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा दिनांक 7 जुलाई 2021 को इसके बारे में गाइडलाइन एवं आदेश जारी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर विशेषज्ञों ने 12वीं के रिजल्ट का फार्मूला तो बना दिया परंतु वह इस बात पर ध्यान देना भूल गए कि एमपी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा देने वाले सभी विद्यार्थी ऐसे नहीं है जिन्होंने दसवीं की परीक्षा भी एमपी बोर्ड से दी हो। समस्या यह थी कि जो स्टूडेंट्स किसी दूसरे एजुकेशन बोर्ड से दसवीं पास करने के बाद एमपी बोर्ड से 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं उनका रिजल्ट कैसे बनाया जाएगा। CBSE द्वारा ग्रेडिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है। CBSE 10th के ग्रेडिंग सिस्टम वाले रिजल्ट के आधार पर एमपी बोर्ड के 12वीं का रिजल्ट कैसे बनाया जा सकता है।
दसवीं का प्रथम विषय 12वीं का प्रथम भाषा विषय माना जाएगा
दसवीं का दूसरा विषय बारहवीं का दूसरा भाषा विषय
दसवीं का तीसरा विषय 12वीं में डायवर्सिफाइड समूह का पहला विषय
दसवीं का चौथा विषय 12वीं में डायवर्सिफाइड समूह का दूसरा विषय
दसवीं का पांचवा विषय 12वीं में डायवर्सिफाइड समूह का तीसरा विषय
निर्देशित किया गया है कि ग्रेडिंग वाली मार्कशीट की मैपिंग के दौरान ग्रेडिंग के न्यूनतम अंक जोड़े जाएंगे। उदाहरण के तौर पर यदि ए ग्रेड में 80 से 90 अंक की सीमा दी गई है तब एमपी बोर्ड 12वीं की मार्कशीट में 80 अंक जोड़े जाएंगे।
यदि किसी बोर्ड की 10वीं की मार्कशीट में किसी विषय में प्राप्तांक 100 से ज्यादा है ऐसी स्थिति में केवल 100 अंक जोड़े जाएंगे।
यदि किसी विद्यार्थी ने न्यूनतम 33% अंक प्राप्त किए हैं तो 12वीं की मार्कशीट में उसे 33 नंबर दिए जाएंगे।
यदि किसी विद्यार्थी की दसवीं की मार्कशीट में 33% से कम अंक हैं तब भी 12वीं की मार्कशीट में 33 अंक देकर उसे पास कर दिया जाएगा।
प्रॉब्लम सॉल्व करने के बाद एमपी बोर्ड की तरफ से आदेशित किया गया है कि मात्र 24 घंटे के भीतर यानी दिनांक 8 जुलाई 2021 तक विद्यार्थियों के अंकों की ऑनलाइन एंट्री अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें।