भोपाल। टोक्यो ओलिंपिक 2020 में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने बेहद आसानी से 7-1 से हराया। इस हार से भोपाल के हॉकी प्रेमी खासे नाराज है। उसे अब क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना है तो अपने सभी मुकाबलों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। मध्य प्रदेश विभाग ने भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर व शिवपुरी सेंटर में ओलिंपिक मुकाबले को देखने खिलाडि़यों के लिए बडी़ स्क्रीन लगा रही है। आंकड़ो के माहिर और मध्य प्रदेश खेल विभाग में उपसंचालक पदस्थ जोस चाको ने कहा कि मैं पिछले 12 ओलिंपक से सीधा जुडा रहा हूँ। पहले में रेडियों के सहारे ओलिंपिक के मुकाबलो की लाइव कामेंट्री सुनता था।
टेलीविजन आने के बाद सीधा प्रसारण देख रहा हूँ। इन सालों में भारत के सभी मुकाबलों का गवाह हूँ। आज की हार ने मुझे सबसे अधिक निराश किया है। मैच के शुरुआत में दोनों टीमें बराबर नजर आ रही थी, जैसे जैसे समय आगे बढ़ता गया हम पिछड़ते गए। ओलिंपिक में हॉकी की सबसे सफल टीम का इस अंतर से हारना हम जैसे खेल प्रेमियों के लिए बहुत दुखद हैा यह भारत की ओलिंपिक में सबसे बडी हार है। इससे पहले 1976 मांट्रियल ओलिंपिक में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने ही 6-1 से हराया था। वह मार्च 21 जुलाई 76 में खेला गया था। इस मैच की कामेंट्री मैंने रेडियो पर सुनी थी। मैच सुबह 7:00 बजे शुरू हुआ था। भारत ने 1975 वर्ल्ड कप जीता था, तब भारत को इस तरह मिलेगी किसी ने भी नहीं सोचा था। 45 साल चार दिन बाद उससे भी बड़ी यह हार हुई।
भारत को अपने पुल में अभी स्पेन, अर्जेन्टीना ओर जापान से खेलना है। अंतरराष्ट्रीय मैचों में सबसे बड़ी हार भी भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही मिली है। 14 अक्टूबर 2010 राष्ट्रकुल खेलों में भारत को 8-0 से हराया था। सिडनी ओंलिंपिक में भारतीय टीम के सदस्य रहे समीर दाद ने कहा कि यह हार निराश जनक है, लेकिन हमे उम्मीद नहीं हारनी चाहिए। अभी भारत को तीन मुकाबले खेलने है, भारतीय टीम इसमें बेहतर प्रदर्शन कर आसानी से क्वार्टर फाइनल में पहुंच सकती है। इधर कटारा हिल्स रहने वाले हॉकी प्रेमी मनोज विश्वकर्मा भी इस हार से उदास है, उन्होंने कहा कि सुबह से इस मैच का इंतजार था, रविवार का दिन था, सोचा भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया को जोरदार टक्कर देगी, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। अब हमारी निगाहे भारत के अगले मैचों पर रहेगी।