इंदौर। शहर का ‘लाइट हॉउस प्रोजेक्ट’ देश के 6 शहरों में से एक है। रविवार को ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके सहित सभी 6 शहरों के प्रोजेक्ट के काम की गति पर चर्चा की। खास बात यह कि इंदौर का यह प्रोजेक्ट इस साल पूरा होगा। इसमें 1024 फ्लेट बनाए जा रहे हैं जो ऐसी तकनीक से बन रहे हैं जिसमें लागत और समय दोनों ही कम लगता है। वैसे चैलेंज के रूप में लिए गए इस प्रोजेक्ट का काम कोरोना काल में भी (दूसरी लहर को छोड़कर) प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जा रहा है। शहर के बिचौली मर्दाना क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट निर्माण किया जा रहा है। कोरोना काल में इस प्रोजेक्ट की गति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है इसलिए उम्मीद है कि अब यह चार माह में बनकर तैयार हो जाएगा।
इनोवेटिव तकनीक पर आधारित इस प्रोजेक्ट में मजबूत और कम लागत वाले फ्लेटों का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण में पैनल के माध्यम से प्री फेब्रिकेटेड चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है दो पर्यावरण के अनुकूल हैं। प्रोजेक्ट नई तकनीक पर आधारित होने के कारण आईआईटी, आईआईएम, पॉलिटेक्निक के छात्रों के लिए स्टडी सेंटर बनता जा रहा है। निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि केन्द्रीय आवास एवं शहरी मंत्रालय ने 2017 को जीएचटीसी-इंडिया के तहत ‘लाइट हॉउस प्रोजेक्ट’ के निर्माण के लिए पूरे देश में 6 शहरों का चयन करने के लिए राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए एक चैलेंज के रूप में इसकी शुरूआत की थी। 1 जनवरी को प्रधानमंत्री ने इसका वर्चअुली शिलान्यास किया था। इस तकनीक का लाभ देश के गरीब वर्ग को मिलेगा क्योंकि वर्तमान में मकान निर्माण बहुत महंगा हो गया है।
लाइट हॉउस प्रोजेक्ट इंदौर में फरवरी में शुरू हुआ था। कोरोना की दूसरी लहर और लॉकडाउन के कारण काम रोकना पड़ा। 1 जून से फिर काम शुरू हुआ है यह। प्रोजेक्ट देश के 6 शहर रांची, इंदौर, चेन्नई, लखनउ, राजकोट, अगरतला में बन रहा है। प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है। इससे प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है इस प्रोजेक्ट के तहत बने बिल्डिंग पूरी तरह से भूकंपरोधी होगी। स्थानीय जलवायु व इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए मजबूत बिल्डिंग बनाई जा रही है। प्रोजेक्ट में 1024 फ्लेट बन रहे हैं। इनकी कीमत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कम ही होगी।