भोपाल। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल की व्यवस्था अजब-गजब है। यहां हर महीने सीटी स्कैन के लिए प्राइवेट एजेंसी को 40 से 50 लाख रुपए दिया जा रहा है। मरीज अलग से जांच के लिए एजेंसी को 900 से 4 हजार रुपए दे रहे हैं। यह हाल तब है जब अस्पताल में 5 करोड़ की सीटी गामा कैमरा मशीन है। यह मशीन तीन साल से बंद है। अब 29 लाख रुपए खर्च कर मशीन को दोबारा शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके बावजूद सीटी स्कैन मशीन से जांच नहीं की जा सकेगी। इसका कारण MRI और CT स्कैन के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर संचालित एजेंसी के साथ ढाई साल पहले अस्पताल का 11 साल के लिए हुआ एग्रीमेंट है। इसमें शर्त है कि अस्पताल और उससे संबद्ध किसी भी अस्पताल के मरीजों की CT स्कैन की जांच एजेंसी से ही कराना होगा। अब सवाल उठ रहा है कि जब दूसरी जगह जांच होनी ही नहीं है तो फिर 29 लाख रुपए खर्च करके मशीन क्यों सही कराई जा रही है।
गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल के न्यूक्लियर मेडिसिन डिपार्टमेंट में CT गामा कैमरा वर्ष 2014-15 में लगाया गया था। इस दोहरी कार्यप्रणाली वाली मशीन में मरीजों का गामा कैमरा तकनीक से स्कैनिंग के साथ CT स्कैन की सुविधा भी है। यह मशीन पिछले तीन साल से बंद है। इसे कम्प्रेसिव मेंटेनेंस कांट्रेक्ट (CMC) के तहत 29 लाख रुपए फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, इतनी राशि खर्च करने के बावजूद CT स्कैन मशीन का उपयोग नहीं होगा, जबकि अस्पताल में PPP मोड पर MRI और CT स्कैन मशीन संचालित की जा रही है। इसके लिए BPL कार्डधारकों की जांच के प्रतिमाह 40 से 50 लाख रुपए अस्पताल एजेंसी को भुगतान कर रहा है। वहीं, दूसरे मरीजों से भी जांच के अनुसार 900 से 4 हजार जांच के भुगतान करने पड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार, 6 साल में CT स्कैन मशीन का उपयोग सिर्फ सिर्फ 10 महीने किया गया है। इसमें ही मशीन से 10 हजार लोगों की CT स्कैन की गई। वहीं, गामा कैमरा से करीब 1 हजार कैंसर पीड़ित मरीजों की हमीदिया जांच की गई।
गामा कैमरे के साथ इनबिल्ड CT स्कैन 16 स्लाइस की मशीन है। यह मशीन हमीदिया अस्पताल जांच के लिए आने वाले 80 से 85% मशीनों के लिए पर्याप्त है। जानकारों का कहना है कि मशीन जान-बूझकर बंद किया गया, जिससे निजी फर्म को फायदा पहुंचाया जा सके। गामा कैमरा से कैंसर पीड़ितों की बोन स्कैन, लिवर का कैंसर, आंत का कैंसर, ब्रेन की जांच समेत कई प्रकार की जांच की जाती है। यह मशीन निजी अस्पतालों में उपलब्ध है। जहां पर जांच के अनुसार 2 हजार से 20 हजार रुपए लगते हैं। वहीं, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. लोकेन्द्र दवे ने कहा कि हमने गामा मशीन को सुधारने को के लिए प्रस्ताव गांधी मेडिकल कॉलेज भेज दिया है। 29 लाख रुपए CMC का खर्च है। जल्द ही उसको शुरू किया जाएगा। जहां तक CT स्कैन की जांच की बात है तो एजेंसी के एग्रीमेंट की मुझे जानकारी नहीं है। उसको देखने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा।