भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड काल में प्रदेश में योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। अधिक से अधिक लोगों को आयुर्वेद के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ मिल सके तथा प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले हमारे भाई-बहनों को रोजगार एवं आजीविका देने के उद्देश्य से ‘देवारण्य’ योजना बनाई गई है। मेरा मानना है कि मप्र हेल्थ डेस्टिनेशन बन सकता है। चौहान सोमवार को मंत्रालय में अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों के लिए रोजगार सृजन और आजीविका के साधनों की मजबूती के लिए आयुष आधारित आर्थिक उन्न्यन योजना ‘देवारण्य’ संबंधी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने अपने गांव के वैद्य रघुवीर प्रसाद का उल्लेख करते हुए कहा कि वे नाड़ी देखकर रोग जान लेते थे और दवा देते थे। उन्होंने कहा कि हमें अपने पारंपरिक ज्ञान को आगे बढ़ाना होगा। योग और आयुर्वेद के लिए भारत दुनियाभर में जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से दुनिया के 180 देशों में योग को अपनाया गया है। मध्य प्रदेश में वैलनेस टूरिज्म को बढ़ावा दें, भोपाल में बने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिंस, प्रदेश में 360 नये आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर, डिमांड एवं सप्लाई चेन को मजबूत बनाया जाएगा।
आयुर्वेद से सभी बीमारियों का इलाज डाबर इंडिया के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने कहा कि आयुर्वेदिक औषधियों के लिए आंवले की खूब मांग है। यदि इन फसलों का जैविक प्रमाणीकरण करा लिया जाए तो यह अत्यंत लाभकारी होगा। इमामी हेल्थ केयर के गुलराज भाटिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में औषधीय एवं सुगंधित पौधों की कोऑपरेटिव फार्मिंग को बढ़ावा देना चाहिए। आयुर्वेद ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु के सीईओ राजीव वासुदेवन ने कहा कि आयुर्वेद से सभी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला स्तर पर आयुर्वेद उपचार की पद्धति विकसित की जानी चाहिए। वनवासी कल्याण आश्रम के हितरक्षा प्रमुख गिरीश कुबेर ने कहा कि प्राचीन वनस्पतियों का ज्ञान जनजातियों को है। इन्हें इससे जोड़ें।