नई दिल्ली : सरकार ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब इसे राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि इसे मेजर ध्यान चंद पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। पीएम ने शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में कहा है कि बहुत लंबे समय से खेल रत्न का नाम बदलने की मांग की जा रही थी। लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए नाम बदलने का फैसला किया गया है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट के अंत में ‘जय हिंद’ लिखा है।
खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-1992 में हुई। खेल के क्षेत्र का यह सबसे बड़ा पुरस्कार है। शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को पहली बार यह पुरस्कार मिला। अब तक लिएंडर पेस, सचिन तेंदुलकर, धनराज पिल्लई, फुलेला गोपीचंद, अभिनव बिंद्रा, अंजू बॉबी, जॉर्ज मैरी कॉम और रानी रामपाल को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। मेजर ध्यानचंद को हॉका का ‘जादूगर’ कहा जाता है। इन्होंने 1926 से 1949 तक हॉकी के अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले और 400 से ज्यादा गोल किए। ध्यान चंद का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। ओलंपिक में उनकी टीम ने 1928, 1932 और 1936 में गोल्ड मेडल जीता।