भोपाल। प्रदेश की बिटिया रुबीना फ्रांसिस टोक्यो में चल रहे पैरालिंपिक्स खेलों में महिलाओं के 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 इवेंट के फाइनल में पहुंच गई है। इसके साथ ही पैरालिंपिक्स में एक और पदक की उम्मीद बढ़ गई है। क्वालिफाइंग राउंड में रुबीना ने 560-12X का स्कोर किया और सातवें नंबर पर रहीं हैं। रुबीना की यहां तक की यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही है, लेकिन अपनी मेहनत के दम पर रुबीना आज उस मुकाम पर हैं। जहां उनकी वजह से पूरा देश गौरवान्वित हो सकता है।
फीस ना होने के कारण रुबीना को छोड़नी पड़ी थी एकेडमी
जबलपुर निवासी रुबीना के पिता एक बाइक मैकेनिक हैं। रुबीना ने पैरों में दिक्कत के चलते साल 2014 में शूटिंग में करियर बनाने का फैसला लिया। उस दौरान मशहूर शूटर गगन नारंग की शूटिंग एकेडमी ने जबलपुर के एक स्कूल में ट्रायल कैंप लगाया था। जिस कैंप में रुबीना भी शामिल हुई थी। इस कैंप में रुबीना के बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद एकेडमी की तरफ से 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई और बाद में उसकी प्रतिभा को देखते हुए एक साल की ट्रेनिंग के लिए चुन लिया गया।
दैनिक भास्कर की जानकारी के अनुसार जबलपुर के ग्वारीघाट में रुबीना के पिता की मैकेनिक शॉप को निगम के दस्ते ने तोड़ दिया। इससे रुबिना का परिवार आर्थिक संकट में घिर गया। जिसके चलते उसकी एकेडमी की फीस भी नहीं जमा हो पाई और मजबूरी में रुबिना को एकेडमी छोड़नी पड़ी थी। जुलाई में रुबीना को एमपी स्टेट शूटिंग एकेडमी भोपाल में एडमिशन मिला और उन्होंने वहीं पर पैरालिंपिक्स के लिए अपनी तैयारी की हैं।