भोपाल। मध्य प्रदेश पर कोविड, ब्लैक फंगस और डेंगू के बाद स्क्रब टाइफस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। खास बात ये है की अभी तक इस बीमारी के इलाज की कोई वैक्सीन नहीं बनी है। मरीज को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन लगाई जाती है। शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं।
एक्सपर्ट्स की जानकारी के अनुसार, इस बीमारी में व्यक्ति को पहले ठंड लगती है और फिर बुखार आता है। समय पर इलाज न कराने पर यह बिगड़ जाता है। इस वजह से मरीज को निमोनिया या इंसेफलाइटिस हो जाता है। वह कोमा में भी जा सकता है। यह बीमारी जुलाई से अक्टूबर के बीच अधिक फैलती है।
डॉक्टरों के अनुसार, इस बीमारी से बचने के लिए हमेशा साफ और फुल कपड़े पहनें। घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें। ध्यान रखें कि आसपास पानी जमा न हो। खेतों में जा रहे हैं तो पूरा शरीर अच्छी तरह से ढका हुआ हो।
दरअसल यह स्क्रब टाइफस चूहों के शरीर में पाए जाने वाले कीड़े से फैलता है। वहीं इस बीमारी का वैक्सीन अभी तक नहीं बना है। वहीं दूसरी ओर जानलेवा बनी कोरोना, ब्लैक फंगस, डेंगू के बाद अब स्क्रब टायफस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में अभी जबलपुर के नॉर्थ लैब में सैंपल की जांच हो रही है।