ग्वालियर। राजस्व मंडल ने आखिरकार 7 सालों बाद शहर के लक्ष्मीगंज इलाके में स्थित श्री हनुमान मंदिर की जमीन को औकाफ की जमीन घोषित किया है। इसके साथ ही मंदिर की जमीन बारादरी और बगीचे के मालिक श्री हनुमान जी होंगे। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया है, जिसमें कहा गया है ,कि सार्वजनिक मंदिर और उसकी जमीन के मालिक मंदिर में विराजमान प्रतिमा होगी। वहां पूजा-अर्चना करने वाले पुजारी सिर्फ केयरटेकर के रूप में ही रह सकते हैं। राजस्व मंडल के इस फैसले को लेकर मंदिर परिसर के आसपास रहने वाले लोगों में काफी खुशी का माहौल है।
दरअसल लक्ष्मीगंज के जागृति नगर में एक प्राचीन हनुमान जी का मंदिर है। इस मंदिर के आस पास एक बगीचा है और बारादरी भी है। जमीन की पैमाइश 11 बिस्वा बताई गई है। पास में रहने वाले विष्णुदत्त शर्मा ने इस मंदिर की जमीन को अपना अपनी पुश्तैनी बताते हुए इसे अपने पिता द्वारा पट्टे में मिलना बताया था,जबकि आसपास घनी आबादी है। आबादी के बीच पट्टे की जमीन नहीं दी जाती है। स्थानीय निवासी वीएस घूरैया ने अपने एक सहयोगी नरेंद्र पंडित के साथ मिलकर इस जमीन पर विष्णुदत्त शर्मा का कब्जा अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में कलेक्टर के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर निराकरण के आदेश दिए थे। लेकिन कलेक्टर कोर्ट ने भी इस जमीन के बारे में स्पष्ट रूप से आदेशित नहीं किया था, कि जमीन सरकारी है, अथवा विष्णु दत्त शर्मा की है।
कलेक्टर कोर्ट ने इस जमीन को आंशिक रूप से विष्णुदत्त शर्मा की होने का भी अंदेशा जताया था। इसके खिलाफ बीएस घुरैया और उनके समर्थक सहयोगी राजस्व मंडल में गए। जहां रेवेन्यू बोर्ड के प्रशासकीय सदस्या मनु श्रीवास्तव ने अपने फ़ैसले में इसे जमीन को सरकारी माना था। इसके खिलाफ विष्णुदत्त शर्मा ने 2019 में पुनरीक्षण याचिका दायर की। इस याचिका पर अंतिम बहस इसी साल मई में हुई थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट का वह ऐतिहासिक फैसला आ गया, जिसमें उसने सार्वजनिक क्षेत्र के मंदिर अथवा उससे जुड़ी संपत्ति का मालिकाना हक मंदिर में विराजमान मूर्ति को दिया है। मंदिर के पुजारी अथवा देखरेख करने वाले परिसर में केयरटेकर के रूप में वहां रह सकते हैं। खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के नए निर्देशों के बावजूद मध्य प्रदेश के ग्वालियर में यह पहला फैसला है, ये फ़ैसला राजस्व मंडल के जिसमें सार्वजनिक मंदिर की जमीन के मालिक हनुमान जी की प्रतिमा होगी। यह फैसला आने के बाद जागृति नगर मंदिर परिसर के आसपास रहने वाले लोगों में खासा उत्साह है उनका मानना है कि अब मंदिर के आसपास अवैध अतिक्रमण को हटाया जाएगा जिससे मंदिर की भूमि सुरक्षित होगी और आसपास के रहवासी मंदिर में पूजा अर्चना कर सकेंगे और मंदिर से जुड़े आयोजन कर सकेंगे।